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रेड जनपद हरिद्वार में देहरादून की तुलना में केवल हो रही है 33% सैंपलिंग

उधम सिंह नगर और नैनीताल जिलों में देहरादून की तुलना में हो रही है  45-50% सैंपलिंग 

प्रदेश के लिए ज़रूरी है देहरादून मॉडल !

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

अनूप नौटियाल ने बताया कि देहरादून माॅडल पर हम आने वाले दिनों में चर्चा करेंगे। फिलहाल इस वक़्त का निवेदन की सैंपलिंग को लेकर देहरादून माॅडल के साथ अन्य मैदानी जिलों की बैचमार्किंग करें, सैंपलिंग की दर बढ़ाएं और पर्वतीय जिलों पर अधिक ध्यान दें तो हालात पर काबू रखा जा सकता है।

देहरादून : हाल ही मे मैंने अपनी फेसबुक पोस्ट में पर्वतीय जिलों में बहुत कम कोविड-19 सैंपलिंग किये जाने पर ध्यान आकर्षित करने का एक छोटा सा प्रयास किया था और सरकार, स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन से अनुरोध किया था कि वर्तमान परिस्थितियों और प्रवासियों के लौटने की रफ्तार को देखते हुए पर्वतीय जिलों में सैंपलिंग की रफ्तार बढ़ाई जाए। इस पोस्ट में बड़ी संख्या में प्रतिक्रियाएं आई । चिन्ता में शामिल होकर कई साथियों ने उल्लेखनीय सुझाव भी दिये। हम आशा करते हैं कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में आवश्यक कदम उठायेंगे ।
इसी संदर्भ को आगे बढ़ाते हुए आज हम राज्य के मैदानी जिलों की बात करेंगे। फिलहाल राज्य में हरिद्वार जिला रेड जोन में शामिल है, जबकि देहरादून और नैनीताल ऑरेंज जोन में हैं। जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए अब तक जांच किये गये सैंपल से तुलना करें तो पता चलता है कि राज्य के एक मात्र रेड जोन वाले जिले में सबसे कम सैम्पलिंग हो रही है। प्रति लाख आबादी से तुलना करें तो रेड जोन जनपद हरिद्वार में देहरादून के मुकाबले एक तिहाई सैपलिंग हो रही है, जबकि उधम सिंह नगर और नैनीताल जिले में देहरादून के मुकाबले सैंपलिंग आधी है। कुछ आंकड़ों पर गौर डालते हैं :

तालिका 1 – जिलों की जनसंख्या (सेन्सस 2011  )
हरिद्वार – 18.90 Lakh
देहरादून – 17.00 Lakh
उधम सिंह नगर – 16.50 Lakh
नैनीताल – 9.50 Lakh

तालिका 2 – अब तक की गई सैंपलिंग (May 14, 2020)
हरिद्वार – 1494
देहरादून – 4116
उधम सिंह नगर – 1959
नैनीताल – 1055

तालिका 3 – प्रति एक लाख जनसंख्या पर सैंपलिंग
हरिद्वार – 79 (देहरादून जनपद की तुलना में 33% सैंपलिंग)
देहरादून – 242
उधम सिंह नगर – 119 (देहरादून जनपद की तुलना मे 50% सैंपलिंग )
नैनीताल – 111 (देहरादून जनपद की तुलना मे 46% सैंपलिंग )

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