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उत्तराखंड में पहली बार जिंदा मिला दुर्लभ जहरीला सांप : WII

देवभूमि मीडिया ब्यूरो ।

वैज्ञानिकों ने भद्रराज मंदिर के रास्ते में ब्लैक-बेलिड कोरल स्नेक (सिनोमिरुरस निग्रिवेंटर) को देखा – यह एक दुर्लभ और खतरे वाली प्रजाति है जो 2,500 से 6,000 फीट की ऊंचाई पर पाई जाती है।

वैज्ञानिकों ने भद्रराज मंदिर के रास्ते में ब्लैक-बेलिड कोरल स्नेक (सिनोमिरुरस निग्रिवेंटर) को देखा – यह एक दुर्लभ और खतरे वाली प्रजाति है जो 2,500 से 6,000 फीट की ऊंचाई पर पाई जाती है।

भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के वैज्ञानिकों ने मसूरी के बेनोग वन्यजीव अभयारण्य में 6,233 फीट की ऊंचाई पर सांप की एक दुर्लभ प्रजाति की खोज की है।

वैज्ञानिकों ने भद्रराज मंदिर के रास्ते में ब्लैक-बेलिड कोरल स्नेक (सिनोमिरुरस निग्रिवेंटर) को देखा – यह एक दुर्लभ और खतरे वाली प्रजाति है जो 2,500 से 6,000 फीट की ऊंचाई पर पाई जाती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह बेहद कम पाया जाने वाला और जहरीला सांप है।


दुनिया भर में इस सांप की कुल 107 प्रजातियों की खोज की गई है लेकिन उनमें से केवल सात अब तक भारत में पाई गई हैं। WII के वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तराखंड में इस प्रजाति के किसी जीवित सांप को पहली बार देखा गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रजाति का एक मरा हुआ सांप 2019 में नैनीताल में मिला था।

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