देहरादून। उत्तराखंड के ऋषिकेश-देहरादून हाईवे पर बीते रोज रानी पोखरी पुल टूटकर ध्वस्त हो गया था। इसके चलते इस मार्ग पर आने जाने वाले लोगों को अब काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पुल का एक हिस्सा गिर जाने के बाद अब प्रशासन ने पुल पर आवाजाही को पूरी तरह से बंद कर दिया है। साथ ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर बैरिकेडिंग लगाकर आवाजाही रोक दी गई है। इसके चलते ऋषिकेश-देहरादून मार्ग पर जाने वाले लोग वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग कर रहे हैं।
यह पुल इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि यह गढ़वाल क्षेत्र को देहरादून से जोड़ता है। हालांकि अब गढ़वाल क्षेत्र से आने वाले लोगों को देहरादून जाने के लिए नेपाली फार्म होते हुए आना पड़ेगा। वहीं, ऋषिकेश से जौलीग्रांट एयरपोर्ट आने के लिए भी लोगों को इसी मार्ग से आना पड़ेगा। फिलहाल, अब पुल के बाहर बैरिकेडिंग के बाद दोनों तरफ पक्की दीवार बनाई जा रही है और दोनों ओर पुलिस की तैनाती कर दी गई है, जिससे कोई भी वहां प्रवेश न कर पाए। लोक निर्माण विभाग और नेशनल हाईवे के अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं और पुल को ठीक करने का काम हो रहा है। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राकेश केलखुरा ने बताया कि 1964 में बने इस पुल के 86 पिलर में से सात पिलर बह गए हैं। इसका एक बड़ा कारण खनन भी है, जिस वजह से पुल की जड़ें कमजोर हुई हैं और एनएच द्वारा नए पुल निर्माण का कार्य प्रस्तावित है। पुल के धराशायी होने के बाद कई गांवों का देहरादून से संपर्क हट गया है। रानीपोखरी, भोगपुर, घमंडपुर आदि दर्जन गांव ऐसे हैं, जिन्हें अब डोईवाला या फिर देहरादून जाने के लिए कई किलोमीटर मीटर की दूरी तय कर नेपाली फार्म से होकर आना पड़ेगा। वहीं, पौड़ी, टिहरी, चमोली आदि पहाड़ी मार्गों से आने वालों के लिए देहरादून या जौलीग्रांट एयरपोर्ट से भी भानियावाला वाया छिद्दरवाला से होकर ऋषिकेश जाना पड़ेगा। देहरादून से रानीपोखरी और ऋषिकेश को आने वाले लोगों को भानियावाला-हरिद्वार बाईपास नेपाली फार्म से होकर ऋषिकेश भेजा जा रहा है। गौर हो कि पुल के गिरने के बाद मुख्यमंत्री ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश कर दिए हैं।
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रानीपोखरी पुल पर बनाई जा रही सुरक्षा दीवार, आवाजाही पूरी तरह बंद
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