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30 सालों पुलिस की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए राम सिंह मीणा

  • अपनी बेहतर सेवाओं के लिए हमेशा जाने जाएंगे मीणा 
  • चर्चित मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार का किया पर्दाफाश 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून । राम सिंह मीणा अभी कुछ घंटे पहले ही पुलिस महानिदेशक बनकर रिटायर हो गये हैं अभी तक वे एडीजी (एडमिन) के पद पर तैनात थे। पुलिस में अपनी 30 साल की सेवा देने का बाद 31 दिसंबर को वे सेवानिवृत्त हो गये हैं। उन्होंने उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं। राम सिंह मीणा हमेशा अपनी बेहतर सेवाओं के लिए हमेशा जाने जाएंगे।
साल 1990 से 2001 तक उत्तर प्रदेश में आईपीएस राम सिंह मीणा सहायक पुलिस अधीक्षक मथुरा, सहायक पुलिस अधीक्षक फैजाबाद, अयोध्या और आगरा में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, बरेली में पुलिस अधीक्षक, नगर बरेली पुलिस अधीक्षक, नगर लखनऊ पुलिस अधीक्षक, जौनपुर कानपुर देहात और मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में तैनात रहे। आईपीएस राम सिंह मीणा साल 2002 से 2004 तक उत्तराखंड में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उधम सिंह नगर और देहरादून रहे। साल 2004 से 2006 तक उत्तराखंड में पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध कानून व्यवस्था रहे। वह पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र, पुलिस उपमहानिरीक्षक प्रोविजनिंग व मॉर्डनाइजेशन के पदों पर भी नियुक्त रहे। इसके अलावा आईपीएस राम सिंह मीणा साल 2007 से 2013 तक पुलिस महानिरीक्षक प्रोविजनिंग व मॉर्डनाइजेशन मुख्यालय सहित पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं परिक्षेत्र व पुलिस महानिरीक्षक अपराध व कानून और स्पेशल टास्क फोर्स के पदों पर भी नियुक्त रहे।
साल 2014 से वर्तमान समय तक आईपीएस राम सिंह मीणा अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशासन अपराध व कानून व्यवस्था) सीआईडी, निदेशक सतर्कता (विजलेंस) सहित सिविल डिफेंस के आलावा कुछ घंटो के लिए पुलिस महानिदेशक के पदों पर नियुक्त रहे।
आईपीएस राम सिंह मीणा ने सहायक पुलिस अधीक्षक यूपी के मथुरा में तैनाती के दौरान थानेदार गोवर्धन पर रहते हुए बड़े पैमाने पर जिले होने वाली बोर्ड परीक्षा में नकल को प्रभावपूर्ण तरीके से रोका था। जिससे चलते वहां के स्कूलों का परीक्षा परिणाम 15 प्रतिशत रहा। सहायक पुलिस अधीक्षक फैजाबाद (अयोध्या) पद पर रहते हुए राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर मीणा ने प्रभावपूर्ण कार्य धरातल पर किया आईपीएस राम सिंह मीणा ने पुलिस अधीक्षक यूपी जौनपुर के पद पर नियुक्ति के दौरान जौनपुर में अपराध व संप्रदायिक नजरिए से अतिसंवेदनशील इस जिले में अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाया। जिसमें उन्होंने संप्रदायिक दंगों को नियंत्रित करने के साथ-साथ इलाके के कुख्यात मुन्ना बजरंगी जैसे माफिया अपराधी को भी गिरफ्तार किया।
पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात में पद पर तैनात रहते हुए आईपीएस राम सिंह मीणा ने वहां सक्रिय अरविंद खटीक गैंग के लगभग सभी सदस्यों को गिरफ्तार करने के साथ ही मुठभेड़ इनकाउंटर में मार गिराने में कामयाबी हासिल की गई. इस गैंग के ऊपर 50 हजार से लेकर एक लाख तक का इनाम रखा गया था। इससे पहले इसी गैंग द्वारा ही यूपी पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल, एक कांस्टेबल सहित एक होमगार्ड को ड्यूटी के दौरान हत्या की गई थी। आईपीएस राम सिंह मीणा ने गाजीपुर पुलिस अधीक्षक के पद पर रहते हुए गाजीपुर में सक्रिय माफिया मुख्तार अंसारी सहित उसके अन्य प्रभावी लोगों पर अकुंश लगाया।

आईपीएस राम सिंह मीणा ने यूपी के मुजफ्फरनगर में तैनात रहते हुए वहां जातिवाद संघर्ष और सांप्रदायिक हिंसा जैसे अपराधों को बड़ी ही संवेदनशील तरीके से अंकुश लगाया। बड़ी घटनाएं जैसे फैक्ट्री कर्मियों की लूट के बाद हत्या, एक राजनीतिक पार्टी के उपाध्यक्ष का अपहरण और फिर हत्या, रो होल्डअप , डकैती और लूट जैसी तमाम घटनाओं पर अंकुश लगाया गया। जिसके चलते मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस के इस सराहनीय कार्य को देखते हुए पहली बार वहां की जनता ने पुलिस को सम्मानित करने के लिए समारोह का आयोजन किया।

आईपीएस राम सिंह मीणा यूपी के बाद सबसे पहले उधम सिंह नगर उत्तराखंड में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पद पर आये। उन्होंने अपने कार्यकाल में अपराधों और बदमाशों पर नियंत्रण लगाते हुए वहां कानून-व्यवस्था बनाने के साथ-साथ सांप्रदायिक हिंसा पर भी लगाम लगाई। उधमसिंह नगर में शकील पहलवान जैसे अपराधी के आतंक को भी उन्होंने खत्म किया।

आईपीएस राम सिंह मीणा ने देहरादून में 2 साल तक एसएसपी रहते हुए कई अपराधों को खत्म किया. अपने इसी कार्यकाल में उन्होंने महिला ऐच्छिक ब्यूरो का गठन किया। आईपीएस राम सिंह मीणा ने पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र और पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं क्षेत्र में तैनात रहते हुए पहाड़ों में अपराध व कानून व्यवस्था को बेहतर करने का कार्य किया. उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजा।

वहीं अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में आईपीएस राम सिंह मीणा ने अपर पुलिस महानिदेशक रहने के साथ-साथ अगस्त 2017 से 31 दिसंबर 2018 तक निर्देशक सतर्कता (विजलेंस) के पद पर नियुक्ति रहते हुए 15 भ्रष्ट सरकारी कर्मचारियों को ट्रेस कर जेल भेजा। अपने कार्यकाल के अंत में आईपीएस राम सिंह मीणा ने निदेशक विजिलेंस पद पर तैनात रहते हुए उत्तराखंड सरकार में तैनात आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया। उनके खिलाफ भारी वित्तीय अनियमितताओं और घोटालों की जांच कर मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

devbhoomimedia

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