सरकार ने पिछले वर्ष दिसंबर में हुए विधानसभा सत्र में यह विधेयक पारित कराया था। विधेयक के अधिनियम बनने से जहां मकान मालिक व किरायेदार दोनों के हित सुरक्षित होंगे, वहीं राज्य में किरायेदारी आवास बाजार पनपने से आवास की कमी भी दूर हो सकेगी।
प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष केंद्र सरकार की ओर से जारी किरायेदारी अधिनियम के माडल प्रारूप को उत्तराखंड में लागू करने का निर्णय लिया। चौथी विधानसभा के दिसंबर में हुए अंतिम सत्र में इससे संबंधित विधेयक के पारित होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था। इस पर राजभवन ने स्वीकृति दे दी है। किरायेदारी विधेयक के अधिनियम बनने से राज्य में किरायेदारी आवास बाजार को नई दिशा मिलेगी।
विधेयक में प्रविधान है कि किराये के आवास के संस्थागतकरण को सक्षम बनाया जाएगा। घरों की कमी को देखते हुए इससे निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी और यह व्यवसाय माडल किराया आवास का अवसर देगा। इसके साथ ही मकान मालिक और किरायेदार के हितों की सुरक्षा के लिए नियम निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए राज्य में किराया प्राधिकरण अस्तित्व में आएगा। यदि मकान मालिक व किरायेदार का कोई विवाद है तो उसका निबटारा इस प्राधिकरण में हो सकेगा।