खाद्यान्न घोटाले की जांच के लिए कोई स्वतंत्र एजेंसी या फिर आयोग होगा गठित!
- घोटाले के पीछे कई बड़े नाम शामिल!
- अनाज घोटाले में लिप्त 22 अधिकारी हटाए गए
- पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से चल रहा था घोटाले का धंधा
देहरादून : लगभग 600 करोड़ रुपये के सरकारी खाद्यान्न घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआईटी जांच के बाद यह साबित हो गया है कि यह बहुत बड़ा घोटाला है जो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से चल रहा था उन्होंने कहा गरीबों के राशन पर जिस तरह से डकैती डाली गई, यह किसी तरह से माफ़ी के काबिल नहीं साथ ही उन्होंने कहा इस घोटाले में शामिल किसी भी अधिकारी,कर्मचारी अथवा नेता तक को नहीं बख्शा जाएगा। वहीँ उन्होंने संकेत भी दिए कि सरकार इस घोटाले की जांच के लिए कोई स्वतंत्र एजेंसी या फिर आयोग गठित तक भी कर सकती है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले के पीछे कई बड़े नाम शामिल हैं। वहीँ जांच रिपोर्ट के बाद सरकार ने बीती शाम घोटाले में लिप्त 22 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी तैनाती स्थान से हटाकर गढ़वाल संभाग में स्थानांतरित कर दिया है।
गुरुवार को एक कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने यह संकेत दिए हैं। इस घोटाले में अभी कई बड़े नाम सामने आने बाकी हैं। उन्होंने कहा यह ऐसा घोटाला है जिसका जिक्र सार्वजनिक मंच पर कहा नहीं जा सकता, लिहाजा सरकार इसकी जांच किसी एजेंसी या आयोग से कराने पर विचार कर रही है। हालांकि इस मामले में अभी किसी बड़े नाम का आधिकारिक खुलासा नहीं हुआ है। वहीँ मामले में प्रमुख सचिव आनंदबर्द्धन का कहना है कि जितने भी एसएमओ और इंस्पेक्टरों के कार्यकाल में यह सब खेल हुआ था, उन्हें चिन्हित किया जा रहा है। सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामले में राज्य शासन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए वेद प्रकाश धूलिया को विष्णु धनिक की जगह डिप्टी आरएमओ कुमाऊं की जिम्मेदारी दे दी है, वहीँ साथ ही वरिष्ठ विपणन अधिकारी अशोक कुमार, चंद्रशेखर व रेवाधर को गढ़वाल मंडल भेज दिया है। इनके बदले गढ़वाल से मुकेश भट्ट, कैलाश पांडे, रंजना देवी और लता मिश्रा को कुमायूं मंडल भेजा गया है।
सरकार ने घोटाले का खुलासा होने के बाद शासन ने 18 से ज्यादा मार्केटिंग इंस्पेक्टरों को हटा दिया और इन सभी को गढ़वाल मंडल के जिलों में भेजा गया है। इनके बदले गढ़वाल से मार्केटिंग इंस्पेक्टर भेजे गए हैं। वहीँ शासन ने कुमाऊं संभाग से चार केंद्र प्रभारियों अरुण कुमार, भगवंत सिंह चौहान, मनोज मनराल और अभिनव कांडपाल को भी हटा दिया है। इनके बदले फिलहाल गढ़वाल से कमल कुमार दुआ को कुमायूं संभाग भेजा गया है।शासन अभी और अधिकारियों और कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है।
वहीँ सूत्रों से यह भी जानकारी मिल रही है कि ट्रांसपोर्टेशन में भी भारी घपला पकड़ में आया है यह सब अधिकारियों और कर्मचारियों सहित ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत से हुआ है सरकार ट्रांसपोर्टर पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है।