Uttarakhand

विकास कार्यों में उत्तराखण्ड को मिले प्राथमिकता और धन : निशंक

  • डाॅ. निशंक ने केंद्र से  उत्तरखण्ड के लिए मांगा विशेष आर्थिक पैकेज 

नयी दिल्ली : सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सभापति, सांसद हरिद्वार एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड डाॅ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज लोकसभा में अनुदान की मांगों पर चर्चा पर हिस्सा लेते हुए डाॅ. निशंक ने वर्ष 2017-18 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे चरण में 76 अनुदान मांगों तथा तीन विनियोग के लिए 66113.34 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने हेतु संसद के अनुमोदन के प्रस्ताव का समर्थन किया। इनमें से निबल नकद प्रस्तावों हेतु 33379.99 करोड़ रुपये है।

यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि सकल अतिरिक्त, व्यय जो कि 32732.05 करोड़ है उसे मंत्रालयों की बचत या बढ़ी हुई प्राप्तियों के समतुल्य किया जायेगा। डाॅ0 निशंक ने कहा कि सरकार किसानों कल्याण के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की प्राथमिकताएं देखी जाएं तो सर्वाधिक आवंटन किसानों के हितों का ध्यान रखने वाले रसायन उर्वरक मंत्रालय को यूरिया ढुलान सब्सिडी के लिए दिया जा रहा है।

डाॅ. निशंक ने बताया कि राजमार्गों और रेलवे के विकास के लिए समर्पित है। इसी के दृष्टिगत राष्ट्रीय राजमार्गों हेतु 15 हजार 908 करोड़ रुपये का इस अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है। रेलवे के लिए 2382 करोड़ रुपये का प्रावधान इसमें किया गया है। सरकार को यह मालूम है कि गांव के विकास से होगा श्रेष्ठ भारत का निर्माण संभव है इसलिए ग्रामीण विकास के लिए कटिबद्ध हमारी सरकार मनरेगा के लिए 8394.57 करोड़ रुपये का व्यय निर्धारित किया गया है। ज्ञातव्य है कि सरकार द्वारा गरीबी दूर करने की मंशा से इस योजना में सबसे अधिक 48 हजार करोड़ रुपये आवंटन किया गया था। देश के हजारों गांवों में अंधेरे पर चिंता प्रकट करते हुए डाॅ. निशंक ने कहा कि आजादी के 70 वर्ष के बाद भी हमारे देश के हजारों गांवों में लोग आज भी विकास की रोशनी से दूर अंधेरे में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। सरकार के द्वारा घर-घर तक बिजली पहुंचाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना हेतु 1033.8 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

डाॅ. निशंक ने जीएसटी के सफल क्रियान्वयन हेतु व्यय के लिए 960 करोड़ रुपये प्रस्ताव का स्वागत किया। यह राशि इस बात को सुनिश्चित करेगी कि जीएसटी के लागू होने में आ रही परेशानियों को सफलतापूर्वक दूर किया जा सके और जीएसटी की मूल भावना के अनुरूप समूचे देश में एक कर प्रणाली सफलतापूर्वक लागू की जा सके। डाॅ. निशंक ने कहा कि जहाँ हमारी सरकार किसान, पिछडे़ वर्ग, श्रमिकों, कारीगरों का समुचित ध्यान रखती हैं वहीं हमें इस बात का अहसास है कि देश के विकास में हमारे सरकारी कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान है। सरकारी कर्मचारियों कल्याण हेतु समर्पित यह सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने हेतु 5905 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

डाॅ0 निशंक ने आगे कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्ध हमारी सरकार माननीय यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार इस बात से भलीभांति परिचत है कि स्वस्थ्य भारत से ही श्रेष्ठ भारत का निर्माण संभव है। डाॅ0 निशंक ने कहा कि स्वस्थ्य भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए यह आवश्यक है कि हम देश के भविष्य यानी उसके बच्चों की चिंता करें। इस हेतु सरकार द्वारा नौनिहालों की चिंता करते हुए उनके टीकाकरण हेतु 5198 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

अंत में उत्तरखण्ड के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग करते हुए डाॅ.  निशंक ने कहा कि सामरिक पारिस्थितिकी और भौगोलिक रूप से उत्तराखण्ड अत्यन्त संवेदनशील राज्य है। दो-दो विदेशी सीमाओं से जुड़े होने के कारण और कठिन भौगोलिक परिस्थिति होने के कारण यहाँ के विकास के लिए विशेष योजना बनाने की आवश्यकता है। चारधाम महायोजना के लिए केन्द्रीय नेतृत्व का धन्यवाद करते हुए डाॅ. निशंक ने आशा प्रकट की कि आने वाले समय में कुशल आर्थिक नीतियों के चलते उत्तराखण्ड समृद्धि के पथ पर अग्रसर होगा।

devbhoomimedia

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