- हरीश रावत और किशोर उपाध्याय सहित प्रीतम गुट में बंटी कांग्रेस!
- हर बड़ा नेता अपने लोगों को कार्यकारिणी में लाने की कोशिश में
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । उत्तराखंड कांग्रेस में कभी आपसी गुटबाजी तो कभी हाईकमान की मंजूरी के इंतजार में कांग्रेस कार्यकारिणी का बीते दो वर्षों से गठन नहीं हो पाया है। चर्चा है कि कई पदाधिकारियों को नई कार्यकारणी में जगह नहीं मिल सकेगी। वहीं प्रदेश संगठन ने ऐसे सभी पार्टी पदाधिकारियों के नामों की सूची तैयार कर ली है, जिनको नई कार्यकारिणी के लिहाज से उपयुक्त नहीं माना गया है। उत्तराखंड कांग्रेस को पिछले दो सालों से नई कार्यकारिणी का इंतजार है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से कार्यकारिणी को लेकर प्रयास जरूर किए गए लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते इस प्रक्रिया को भी रोक दिया गया था ताकि गुटबाज़ी कहीं कांग्रेस को ही न ले डूबे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रीतम सिंह ने अब अपनी नई कार्यकारिणी को लेकर नामों का पैनल तैयार कर लिया है। खास बात यह है कि पुरानी कार्यकारिणी में शामिल कुछ नेताओं को भी नई कार्यकारिणी में जगह देने की तैयारी की भी जा रही है। वहीं पुराने पदाधिकारियों में कई ऐसे नामों की सूची तैयार की गई है जो पार्टी में फिलहाल निष्क्रिय बने हुए हैं।
जानकारों का मानना है कि हरीश रावत या किशोर उपाध्याय गुट से ताल्लुक रखने वाले पदाधिकारियों को किनारे करने की भी योजना बनाई गयी है। वहीं एक जानकारी के अनुसार प्रीतम सिंह ने हाईकमान को ऐसे निष्क्रिय नेताओं की सूची से अवगत करा दिया है, जो प्रदेश संगठन में उचित भूमिका नहीं निभा रहे हैं।
हालांकि पार्टी नेताओं का तर्क है कि कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में सभी गुटों से जुड़े लोगों को स्थान दिया जाना चाहिये, इस विचार को लेकर भी पार्टी हाईकमान की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन चर्चा है कि प्रीतम सिंह द्वारा दी गई सूची के बाद नई कार्यकारिणी को लेकर विवाद बढ़ सकता है।
वहीं चर्चा इस बात की भी है कि इस सूची में हरीश रावत गुट के लोगों का नाम सबसे ज्यादा है जबकि पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के समर्थकों को दरकिनार किया गया है, जबकि हरीश रावत और किशोर उपाध्याय सहित वर्तमान अध्यक्ष का प्रयास यह भी अंदरखाने चल रहा है कि नई कार्यकारिणी में उनके समर्थित लोगों को भी पदों पर आसीन किया जाय।