नई दिल्ली । उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री प्रकाश पन्त ने पार्लियामेंट हाऊस, नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री पियूष गोयल से भेंटकर उत्तराखण्ड के परिप्रेक्ष्य में जी.एस.टी. से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की तथा उनका यथाशीघ्र समाधान कराने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. से पूर्व उत्तराखण्ड का कम्बाइण्ड टैक्स कलैक्शन लगभग 8336 करोड़ था, जो कि जी.एस.टी. के बाद 15,139 करोड़ हो चुका है, परन्तु राज्य को सैटलमेंट के उपरान्त मात्र 3701 करोड़ मिला है, जो कि प्री-जीएसटी से 29 प्रतिशत कम है। इससे नवोदित राज्य होने तथा समय-समय पर होने वाली आपदा की घटनाओं से अर्थव्यवस्था को सुचारू बनाये रखने में कठिनाई हो रही है।
राजस्व हानि के सम्बन्ध में विगत बैठक में पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, जम्मू-कश्मीर और पुड्डूचेरी के लिये केन्द्रीय वित्त सचिव की अध्यक्षता में गठित अध्ययन समिति की रिपोर्ट आने के उपरान्त त्वरित कार्यवाही कराकर सकारात्मक निर्णय लिया जाय। जी.एस.टी. के उपरान्त उत्तराखण्ड में एम.एस..एम.ई. सैक्टर एवं छोटे उद्यमियों को हो रही समस्याओं के समाधान हेतु विचार किया जाय। वर्तमान टैक्स स्लैब से उत्तराखण्ड में एम.एस.एम.ई. सैक्टर अत्यधिक प्रभावित हुआ है।
स्माॅल बिस्किट इण्डस्ट्री, जो 100 रू0 प्रति किलो या उससे कम पर अपने उत्पाद बेचती हैं, वे 18 प्रतिशत जी0एस0टी0 की दर पर मल्टीनेशनल ब्राण्डस के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर पा रही हैं। अतः स्माॅल बिस्किट इण्टस्ट्री की वर्तमान 18 प्रतिशत की दर को 5 प्रतिशत किया जाय। इससे न केवल इस प्रकार के उद्योगों को संरक्षण मिलेगा, बल्कि गरीब आदमी पर बढ़ने वाले खर्च का बोझ भी कम होगा।
प्रकाश पंत ने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री के साथ उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री की भेंट वार्ता सकारात्मक रही तथा उनके द्वारा प्रस्तुत मांगों/प्रस्तावों पर परीक्षण/कार्यवाही कराने तथा 4 अगस्त को प्रस्तावित जी.एस.टी. काउंसिल की बैठक में विस्तृत चर्चा करने का आश्वासन दिया। भेंट वार्ता के दौरान उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री के साथ आयुक्त, राज्य कर सौजन्या तथा संयुक्त आयुक्त, राज्य कर राकेश वर्मा मौजूद रहे।