बागेश्वर में रेल लाइन के लिए लोगों ने किया प्रदर्शन

बागेश्वर। बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन संघर्ष समिति ने तहसील में प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। स्मारिक दृष्टि से रेल लाइन का निर्माण जरूरी बताया गया। उन्होंने रेल लाइन के लिए जल्द से जल्द बजट देने की गुहार लगाई। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया गया।समिति के अध्यक्ष नीमा दफौटी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में आंदोलनकारी तहसील में एकत्र हुए। उन्होंने नारेबाजी के साथ जोरदार प्रदर्शन किया।
रेल लाइन के लिए संघर्ष कर रहे लोगों ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन की सर्वे हो गई। आजादी के बाद किसी भी सरकार ने रेल के लिए कोई ऐतहासिक कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने रेल लाइन को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया। तब ऐसा लगा कि स्मारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रेल लाइन बनने में अब देर नहीं होगी। केंद्र में भाजपा सरकार बनी। विधानसभा चुनाव में रेल लाइन को मुद्दा बनाया गया। डबल इंचन की बात हुई। भाजपा केंद्र और राज्य में सत्तासीन हुई। लेकिन रेल लाइन का राग अलाप रही भाजपा ने भी चुप्पी साध ली है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन से जहां चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिले लाभांवित होंगे। वहीं गढ़वाल का चमोली जिले के लोग भी रोजगार कर सकेंगे। चीन ने भारत की सीमा तक रेल लाइन बना दी है। वह लगातार भारत की सीमा में सैन्य अभ्यास भी कर रहा है। सैन्य साजो सामान भी पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन बनने से सीमाओं की रखवाली भी आसान होगी। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार रेल लाइन निर्माण के लिए जल्द से जल्द बजट का इंतजाम करे। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।
शहीदों को श्रद्धांजलि
बागेश्वर-टनकपुर रेल संघर्ष समिति ने सुकमा सीआरपीएफ के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। दो मिनट का मौन रखा। शहीदों परिवारों को अधिकाधिक मुआवजा देने की गुहार केंद्र से लगाई।