देहरादून : राज्य की राजनीति और संस्कृति के प्रमुख केंद्र रहे पौड़ी गढ़वाल जिले ने एक बार फिर इतिहास रचा है। पौड़ी जिले ने राज्य को चौथा मुख्यमंत्री दिया है। अब तक प्रदेश की सत्ता संभालने वाले आठ में से चार मुख्यमंत्री इसी जिले के मूल निवासी रहे हैं। पौड़ी के ही भुवन चंद्र खंडूड़ी ने दो बार राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभाला है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी और हरीश रावत का पौड़ी से कनेक्शन नहीं रहा। हालांकि 2007 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले भुवन चंद्र खंडूड़ी पौड़ी के ही मूल निवासी थे। बाद में उन्होंने धुमाकोट विधानसभा सीट से ही उपचुनाव जीता। इसी सरकार में मुख्यमंत्री बने डा. रमेश पोखरियाल निशंक भी पौड़ी के ही निवासी थे।
2012 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले विजय बहुगुणा भी बुघाणी पौड़ी के मूल निवासी थे। अब मुख्यमंत्री मनोनीत हुए त्रिवेंद्र रावत भी मूलत: पौड़ी के खैरासैण निवासी हैं। अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से ही पौड़ी जिला पहाड़ की राजनीति का प्रमुख केंद्र रहा है। पौड़ी निवासी हेमवती नंदन बहुगुणा कभी राष्ट्रीय राजनीति का प्रमुख चेहरा हुआ करते थे। यूपी के मुख्यमंत्री के अलावा वह केंद्र में मंत्री भी रहे।
डा. शिवानंद नौटियाल भी उत्तर प्रदेश सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे। पौड़ी के ही जगमोहन सिंह नेगी और बाद में उनके बेटे चंद्रमोहन सिंह नेगी भी यूपी में मंत्री रहे। पौड़ी से सांसद रहे भुवन चंद्र खंडूडी केंद्र सरकार में भूतल परिवहन राज्य मंत्री रहे। वहीं सतपाल महाराज ने भी केंद्रीय रेल राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी।