हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के छाती एवं श्वास रोग चिकित्सक की सलाह
बढ़ती सर्दी व प्रदूषण बढ़ा सकता है श्वास रोगियो की समस्या
लोग लापरवाही न बरतें, नियमित तौर पर मास्क लगाएं
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : सर्दी बढ़ने लगी है, ऐसे में कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को ज्यादा सतर्क रहना होगा। खासकर ऐसे लोग जिनके फेफड़े कोरोना से प्रभावित हुए हैं। ऐसे में प्रदूषण व कोरोना दोनों से बचने का एक ही उपाय है कि नियमित तौर पर मास्क लगाएं।
श्वास रोगियों के लिए कोरोना के साथ खतरा है सर्दी व प्रदूषण
हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन की चिकित्सक डॉ. राखी खंडूरी का कहना है कि सर्दी बढ़ने के साथ ही सांस के मरीजों के लिए दिक्कतें भी बढ़ जाती हैं। ऐसे मरीजों को पहले भी अलर्ट किया जाता था। लेकिन, इस बार चुनौतियां बढ़ गई हैं। सांस की पुरानी बीमारी के साथ सर्दी, प्रदूषण व कोरोना दोनों से जूझना होगा।
वायरस ज्यादा देर हवा में ठहरेगा
अभी औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक करीब 170 है। जबकि मानकों के हिसाब से सेहतमंद हवा का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 होना चाहिए। तापमान में गिरावट के साथ प्रदूषण का स्तर और बढ़ेगा जिससे हवा जहरीली होगी। प्रदूषण बढ़ने पर धूल के कण कम ऊंचाई पर जमा हो जाएंगे, तो वायरस आसानी से ज्यादा देर तक ठहरेगा।
इंफ्लुएंजा के रोगी समय पर टीके लगवा लें
हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ.राखी खंडूरी ने बताया कि बढ़ती सर्दी व प्रदूषण की वजह से अस्थमा (दमा) के अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है। डॉ.राखी न कहा कि ऐसे में जरूरी है कि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) व अस्थमा के रोगी जिन्हें हर साल इंफ्लुएंजा की टीके लगते हैं वो जरूर लगवा लें और इनहेलर भी साथ रखें। दीपावली पर पटाखों और उससे होने वाले प्रदूषण से भी दूर रहें।
ऐसे करें अपना बचाव ………
-नियमित तौर पर मास्क का प्रयोग करें।
-साथ में मौजूद वस्तुएं सैनिटाइज करते रहें।
-बाहर निकलें तो लोगों से एक मीटर की दूरी बनाए रखें।
-घर में प्रवेश करें तो दरवाजे के हैंडल और डोरबेल को सैनिटाइज कर दें।