हाफिज सईद की रिहाई को पाक ने जायज ठहराया
इस्लामाबाद : जमात उद दावा प्रमुख एवं मुंबई आतंकी हमले के सरगना हाफिज सईद की रिहाई को सही ठहराते हुए दावा किया कि इस्लामाबाद आतंकियों पर यूएनएससी प्रतिबंध लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। जमात उद दावा (जेयूडी) के प्रमुख लश्कर ए तैयबा के संस्थापक सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। उसे पाकिस्तान ने कल ही रिहा किया है। संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने उसे आतंकी घोषित कर रखा है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सईद की रिहाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंकवाद फैलाने वाले लोग और समूह जिन्हें संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी का दजार् दे रखा है, उनको न्याय के कटघरे में लाने में पाकिस्तान की सरकार बिलकुल भी गंभीर नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बहस्पतिवार को दिल्ली में कहा, ऐसा लगता है कि यह प्रतिबंधित आतंकियों को मुख्यधारा में लाने का पाकिस्तान की व्यवस्था का प्रयास है। पाकिस्तान ने राज्येतर तत्वों को बचाने और बढ़ावा देने की अपनी नीति बदली नहीं है और उसका असली चेहरा अब सबके सामने आ गया है।
भारत के विदेश मंत्रालय की टिप्पणी के जवाब में पाकिस्तान के विदेश कायार्लय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कल रात बयान में कहा कि पाकिस्तान सुरक्षा परिषद का प्रतिबंध कानून 1267 लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस सिलसिले में कई कदम भी उठाए गए हैं।
फैसल ने कहा कि पाकिस्तान में अदालतें अपने संवैधानिक कर्तव्य को निभा रही हैं और वह पाकिस्तान के सभी नागरिकों के लिए कानून का शासन कायम करने और उचित प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि कानून के शासन में कानूनी प्रक्रिया को अपनाया गया, ना कि राजनीतिक फरमान या दिखावे को तवज्जो दी गयी । फैसल ने कहा, यह सभी राष्ट्रों के हित में है कि इस तरह बोला और किया जाए जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून के शासन के अनुकूल हो।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आतंकवादियों, आतंकी हिंसा और इसके खिलाफ लड़ाई में संकल्प, उसकी कावार्ई और सफलता दुनिया भर में बेमिसाल है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा आतंकवाद के सभी प्रारूपों का विरोध और निंदा करता है।
बहरहाल, विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंन और कश्मीरी नेताओं की गिरफ्तारी पर गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि घेराबंदी और तलाशी अभियान तेज करना कश्मीरी सम्मान और उनके परिवारों की पवित्रता के खिलाफ है।