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सत्ता की ताकत के गुरुर में चूर विधायकों से लेकर सचिव तक से भिड़ते ओमप्रकाश !

मुख्य सचिव रामास्वामी और ओमप्रकाश मे शीतयुद्ध सतह पर ?

देहरादून : भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले पिछली सरकारों में किनारे से मज़ा लेने वाले मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ओमप्रकाश  भाजपा  के सत्ता में आते ही  ताकतवर कुर्सी पर विराजमान क्या हुए कि अब वे सत्ता और सरकार के गुरुर में इतने चूर हो गए हैं कि वे वर्तमान में विधायकों से लेकर मुख्यसचिव तक से भिड़े हुए हैं, बीते कुछ दिन पहले द्वाराहाट के  विधायक से भिड़ने की खबर के बाद अब सूबे के मुख्य सचिव से भिड़ने की चर्चाएं सरे आम सत्ता के गलियारों में तैर रही हैं।

सत्ता  में उत्तराखंड में इन दिनों समय के साथ-साथ सचिवालय भी दो ध्रुवों में बंटने लगा है। एक पावर सेटंर स्वाभाविक तौर पर उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस रामास्वामी हैं तो दूसरा ध्रुव सबसे ताकतवर नौकरशाह के रूप में उभरे मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ओमप्रकाश हैं। अब तक स्वास्थ्य कारणों से अपेक्षाकृत रबर स्टांप समझे जा रहे रामास्वामी के आदेश को नजरअंदाज करते हुए ओम प्रकाश ने नए आदेश जारी किए हैं, जिससे अराजकता की स्थितियां पैदा हो गयी है। इसका मुख्य कारण यह है कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ओमप्रकाश ने जो आदेश युगल किशोर पंत के लिए किए हैं उनकी कॉपी न तो मुख्य सचिव को की गई है और न ही कार्मिक विभाग को। जबकि मुख्य सचिव द्वारा राम विलास यादव के जो आदेश किये गए थे उसकी कॉपी बाकायदा प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सहित सभी सम्बंधित अधिकारियों को की गयी थी।

अफसरों की तैनाती में इन दोनों पावर सेंटरों के बीच में संवाद का अभाव गलतफहमियों में तब्दील होने लगा है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि एक ही पद पर दो दो अफसरों के तैनाती आदेश हो रहे हैं। जिससे अफसरों को ही यह पता नहीं चल पा रहा है कि वह किसके आदेश को मानकर कार्य करें ।ताजा उदाहरण आजीविका परियोजना का है। आजीविका परियोजना में मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने पीसीएस अफसर राम विलास यादव को स्थानांतरित किया था। यादव ने वहां पर चार्ज लिया ही था कि कुछ दिन बाद आजीविका परियोजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ओमप्रकाश ने युगल किशोर पंत को जिम्मा दे दिया।

इसमें हैरानी की बात यह है कि अभी तक आजीविका परियोजना से यादव को भी नहीं हटाया गया है। अब तकनीकी तौर पर समस्या यह आ गई है कि जब मुख्य कार्यकारी अधिकारी के तौर पर यादव वहां पर पहले से ही तैनात हैं तो युगल किशोर पंत किस तरह से वहां का कार्यभार संभालेंगे । किंतु पिछले दिनों युगल किशोर पंत आजीविका परियोजना का जिम्मा ले चुके हैं। युगल किशोर पंत ने आजीविका परियोजना के मुख्यालय में जाकर वहां के अधिकारी कर्मचारियों से न सिर्फ मुलाकात की बल्कि उनसे कामकाज की जानकारी लेने के अलावा आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।

गौरतलब है कि आजीविकापरियोजना से पूर्व मुख्य कार्याधिकारी विजय कुमार के हटने के बाद से वहां पर कई अधिकारी बदले जा चुके हैं मात्र एक माह मे ही परियोजना की जिम्मेदारी तीन अधिकारियों को दी जा चुकी है। पहले इस परियोजना में चंद्रेशयादव की तैनाती की गई थी। उनके बाद इस इस परियोजना की जिम्मेदारी हरिद्वार के लोक सेवा आयोग केसचिव रामविलास यादव को सौंपी गई ।उनका वहां से ट्रांसफर भी नहीं हुआ था कि अब यह जिम्मेदारी शासन में ग्रामीण विकास के अपर सचिव युगल किशोर पंत को सौंप दी गई है।

अब आजीविका परियोजना के कर्मचारी अधिकारी इस दुविधा में है कि आखिर वह किसके निर्देश माने इस विषय में एक तथ्य यह भी है कि मुख्य सचिव ने यादव के लिए जो आदेश किए हैं उसकी कॉपी बाकायदा प्रॉपरचैनल से कार्मिक विभाग को आदेशों के साथ-साथ सभी संबंधित पटल पर रखी गई है किंतु मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ओमप्रकाश ने जो आदेश युगल किशोर पंत के लिए किए हैं उनकी कॉपी न तो मुख्य सचिव को की गई है और न ही कार्मिक विभाग को। जाहिर है कि इस तरह के दो दो आदेशों के कारण विभिन्न विभागों में अराजकता की स्थितियां उत्पन्न हो रही है।

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