UTTARAKHAND

इस तारीख को उत्तराखंड के डेढ़ दर्जन PCS अधिकारी बन जाएंगे IAS, तारीख हुई तय

उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी खबर जल्द उत्तराखंड को मिलने जा रहे हैं 18 आईएएस अधिकारी आदेश के अनुसार आगामी 12 अगस्त को PCS अधिकारियो की आईएएस में डीपीसी हो जाएगी
Iam directed to refer to the subject mentioned above and to say that the Selection Committee Meeting for preparation of the Select Lists of 2014 to 2020 for promotion of PCS officers to the IAS of Uttarakhand Cadre is scheduled to be held on 12.08.2022 (Friday) at 10:30A.M. in the Office of Union Public Service Commission, New Delhi.
2 All the members of the Selection Committee may kindly be informed of the date, time and vene of the aforesaid Selection Committee Meeting with a request to make it convenient to attend the same
उत्तराखंड में पीसीएस संवर्ग से 18 अधिकारी जल्द आईएएस बनने जा रहे हैं। राज्य सरकार ने पीसीएस अफसरों के प्रमोशन का प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को भेज दिया था । राज्य में सीधी भर्ती के पीसीएस अफसरों की यह पहली डीपीसी होगी।हालांकि ये डीपीसी काफ़ी पहले हीं हो जानी थी लेकिन कुछ अधिकारियो के कागज पुरे नहीं थे जिसको पूरा किया गया अब उनकी डीपीसी की तारीख मुकरर हो गई हैं
प्रमोटी और सीधी भर्ती के पीसीएस अफसरों में वरिष्ठता को लेकर विवाद की वजह से यह मामला लगभग 12 साल तक हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चलता रहा। सुप्रीम कोर्ट के सीधी भर्ती के अफसरों को पहले वरिष्ठता का लाभ देने के आदेश के बाद प्रमोशन की यह राह खुल पाई।
ललित मोहन रयाल, आनंद श्रीवास्तव, हरीश चंद्र कांडपाल, संजय कुमार, नवनीत पांडे, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, गिरधारी सिंह रावत, आलोक कुमार पांडेय, बंशीधर तिवारी, रुचि तिवारी, झरना कामठान व रवनीत चीमा। पीसीएस डॉ.सिंह राठौर व श्रद्धा जोशी के सेवा से इस्तीफा देने से उनके जूनियर झरना कामठान और रवनीत चीमा को प्रमोशन का लाभ मिलेगा।
क्या था विवाद
सरकार ने वर्ष 2010 में सीधी भर्ती और प्रमोटी पीसीएस अफसरों के अंतिम वरिष्ठता सूची जारी की थी। इसमें भी सीधी भर्ती के अफसरों को पहले वरिष्ठता दी गई थी। इसके खिलाफ प्रमोटी पीसीएस अफसरों को हाईकोर्ट में रिट दायर की थी। उनका तर्क था कि राज्य गठन के बाद से वे बतौर प्रभारी की व्यवस्था के तहत उप जिलाधिकारी का काम देख रहे हैं, जबकि सीधी भर्ती के अफसर उनके बाद वर्ष 2005 में आए। हाईकोर्ट ने इस आधार पर प्रमोटी में अफसरों के पक्ष में फैसला दिया। वहीं, सीधी भर्ती के पीसीएस इस फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। इसके बाद ही वरिष्ठता विवाद का पटाक्षेप हो पाया था ।

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