Uttarakhand

स्टिंग प्रकरण पर मंत्री ने सीएम से की सीबीआई अथवा एसआईटी से जांच कराने की मांग

एक विभाग के टेक्नोक्रेट से एमडी बने एक अधिकारी का स्टिंग होने की खबर

जांच पूरी होने तक एमडी को सम्बद्ध करने के दिये आदेश

देहरादून।  एक विभाग के टेक्नोक्रेट से एमडी बने एक अधिकारी का स्टिंग होने की खबर और उसे ब्लैकमेल किये जाने का मामला जब सोशल साइट्स सहित अखबारों और वेब मीडिया में चर्चाओं में आया तो विभागीय मंत्री के कान खड़े हो गए और उन्होंने तुरंत मामले की तह तक पहुँचने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग कर डाली कि  उक्त अधिकारी के खिलाफ सीबीआई अथवा एसआईटी जांच की जाय ताकि प्रदेश में भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेन्स का सन्देश जन-जन तक पहुंचे और ऐसे अधिकारियों और स्टिंगबाजों पर नकेल कसी जा सके।  

गौरतलब हो  कि पिछले कुछ समय से  काबीना मंत्री प्रकाश पंत के एक विभाग के एमडी का भ्रष्टाचार को लेकर स्टिंग होने की चर्चाएं सत्ता के गलियारों से लेकर आमजन तक हुई ,इसके बाद यह मामला सरकार के लिए भी बडी चुनौती बना हुआ है कि आखिरकार जीरो टॉलरेंस वाली सरकार के कार्यकाल में कौन ऐसा एमडी है जो भ्रष्टाचार के स्टिंग में फंसा है। चर्चाएं लगातार उठ रही थी कि राज्य के कुछ अफसरों व नेताओं का स्टिंग करने वाला ब्लैकमेलर स्टिंगबाज ने ही एमडी का स्टिंग बनाया है और वह स्टिंग को लेकर डीलिंग करने में लगा हुआ है। यह मामला जब ऊफान पर आने लगा तो उसके बाद सरकार भी एलर्ट मोड में आई और उसे भी इस बात को लेकर मंथन करना पडा कि आखिरकार वह ऐसे ब्लैकमेलर स्टिंगबाजों के खिलाफ क्या कार्यवाही अमल में लाये।

समाचारों के प्रकाश में आने के बाद सरकार एलर्ट हुई और उसके बाद कैबिनेट मंत्री ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उनसे ब्लैकमेलिंग प्रकरण की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने की मांग को लेकर एक पत्र सौंप दिया। पत्र में चर्चित विभाग के एमडी को किसी कार्यालय सें  सम्बद्ध करने के लिए भी कहा गया है। अब देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री इस मामले की जांच सीबीआई के हवाले करते हैं या फिर एसआईटी के? उत्तराखण्ड के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी कैनिबेट मंत्री ने ब्लैकमेलिंग के स्टिंग को लेकर सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने की मांग की है।

वहीँ मामले की भनक लगते ही चर्चित विभाग के इस  एमडी ने अपने आकाओं से संपर्क करना शुरू ही नहीं किया बल्कि यह अपने किसी राजनीतिक  आका से मिलने मुज़्ज़फरनगर तक भी जा पहुंचा। चर्चा तो यहाँ तक भी है कि चर्चित एमडी भाजपा के उत्तरप्रदेश के एक बड़े नेता अथवा एक चर्चित डॉन से मिलने वहां गया है ताकि राज्य सरकार पर दबाव डालकर अपने खिलाफ होने वाली कार्रवाही को रोक सके। यहाँ इस बात की भी चर्चा है कि चर्चित इस एमडी के साथ कुछ कथित खबरनबीस भी मुज़्ज़रफ़रनगर गए हैं ताकि एमडी को बचाया जा सके। लेकिन जीरो टॉलरेंस वालो प्रदेश की सरकार किसी भी कीमत पर अब भ्रष्टाचारियों को बख्शने के मूड में नहीं है। 

devbhoomimedia

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