नर्स रोगी की सेहत की रक्षक भी और शिक्षक भी : राज्यपाल
नर्सिंग बहुत महत्वपूर्ण पेशा
नर्सें उत्तराखण्ड की स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में निभा सकती हैं अहम भूमिका
सूबे के दूरस्थ क्षेत्रों तक ई-डाक्टर्स की सेवाओं के लिए पैरामेडिकल्स हेतु डिजिटल प्रशिक्षण जरुरी : डॉ.पॉल
देहरादून (स्वामी राम नगर) : उत्तराखण्ड के राज्यपाल डाॅ0 कृष्ण कांत पाल ने नर्स पेशे के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इसे महान पेशा बताया और कहा कि दुनियाभर में उन मरीजों की देखभाल का जिम्मा नर्सों पर होता है जिन्हें डाॅक्टर रोगमुक्त करते हैं।
बुधवार को राज्यपाल स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी, जौलीग्रांट के हिमालयन नर्सिंग काॅलेज द्वारा आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में जहाँ स्वास्थ्य सुविधाओं और मरीजों की देखभाल की सुविधाएं नहीं है वहाँ नर्सेंे बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। डाक्टरों की भारी कमी से प्रभावित उत्तराखण्ड के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में ई-डाक्टर्स की सुविधा आपात स्थिति में बहुत मददगार होगी। इसके लिए पैरामैडिकल स्टाॅफ को डिजिटल ट्रेनिंग दिया जाना बहुत आवश्यक है इससे वे स्काइप, वेबकैम जैसी अन्य इलैक्ट्रानिक एप्लीकेशन के माध्यम से डाॅक्टर को मरीज की सही स्थिति बताने में सक्षम होंगे। इंटरनेट के जरिये ई-डाॅक्टर को मरीज तक आसानी से पहुँचाया जा सकता है।
राज्यपाल ने हिमालयन यूनिवर्सिटी द्वारा ‘‘करेंट एडवांसेज इन नर्सिंग सांइसः इनोवेटिव एप्रोचेज इन नर्सिंग एजुकेशन, नर्सिंग प्रेक्टिस एण्ड नर्सिंग रिसर्च’’ विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन को सराहनीय पहल बताते हुए कहा यह प्रदेश के लिए एक विशेष अवसर है कि राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के नर्सिंग लीडर्स, ग्लोबल एजेन्सीज तथा देश-विदेश के नर्सिंग सेवा से जुड़े लोग सम्मेलन में प्रतिभाग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्वामी राम विश्वविद्यालय, उत्तराखण्ड के पर्वतीय ग्रामीण अंचल के लोगों की स्वास्थ्य सेवा, ग्रामीण युवाओं की शिक्षा के लिए समर्पित है। हिमालयन नर्सिंग काॅलेज द्वारा भारी संख्या में युवाओं को नर्सिंग सेवाओं की गुणवत्तापरक शिक्षा दी जा रही है। नर्सिंग का प्रशिक्षण प्रदेश के युवाओं को अनेक अवसर उपलब्ध करा रहा है। अधिक से अधिक संस्थानों को ऐसे प्रशिक्षण कराने चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि नर्सिंग प्रोफेशन पूरे विश्वभर में सभी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल मानकों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। नर्सिंग सभी सेवाओं में एक महान पेशा है। नर्स किसी भी रोगी को उसके स्वास्थ्य की उच्चतम क्षमता को प्राप्त करने में एक महान प्रेरक का काम करते हैं। जिस प्रकार चिकित्सक रोगी को स्वस्थ बनाने में विशेषज्ञता रखते हैं, उसी प्रकार नर्स रोगी की देखभाल कर उसे स्वस्थ बनाने में विशेषज्ञ होती है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन में नर्सिंग क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का विचार-विमर्श बेहतर प्रबन्धन और नर्सिंग शिक्षा की प्रगति पर केन्द्रित होगा। यह कांफ्रेंस नर्सिंग पेशेवरों, शिक्षकों तथा अनुसंधान के प्रमाणों, सर्वोत्तम अभ्यास के आदर्शों तथा नवाचारों के आदान-प्रदान का बेहतरीन अवसर प्रदान करेगी।
राज्यपाल ने कहा कि नर्स रोगी की सेहत की रक्षक और शिक्षक हैं। रोगी के सीधे सम्पर्क में रहकर उसको स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के साथ-साथ वह रोग के लक्षण, प्रतिक्रिया और स्वास्थ्य में हो रही प्रगति का भी निरीक्षण और आंकलन करते हैं। नर्स चिकित्सकों के साथ सहयोग करते हुए रोगी के उपचार और परीक्षणों में मदद करते है। चिकित्सकीय प्रशासन में सीधे रोगी देखभाल और पुर्नवास का प्रावधान है इसलिए नर्सों के महत्व को कमतर नहीं आंका जा सकता। उन्होंने कहा कि नर्सेज एक ऐसे वातावरण में काम करते हैं जो रोगियों के लिए सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान करने के लिए बदलते रहते हैं। वह नवीनतम तकनीक और दवाओं का अध्ययन करते हैं। वास्तव में नर्स चिकित्सक से ज्यादा समय मरीज के साथ बिताते हैं। नर्सों को मरीजों के स्वस्थ होने सहायक होना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि अधिक शैक्षणिक अवसर नर्सिंग विशेषताओं के दरवाजे खोलते हैं। नर्सिंग एक लोकप्रिय और मांग वाला व्यवसाय है, जो बीमार, घायलों की जरूरतों को पूरा करता है। इतिहास गवाह है कि नर्सों ने करूणा, दया, निस्वार्थ सेवा और देखभाल के कार्यों से युद्ध के मैदानों, पिछडे़ समुदायों चिकित्सालयों में स्वास्थ्य देखभाल से बडे़ बदलाव किये हैं।