PAURI GARHWAL

एनएसए अजीत डोभाल ने सपरिवार की अपने पैतृक गांव घीड़ी में की पूजा अर्चना

  • कुलदेवी बाल कुंवारी के मंदिर में की पूजा-अर्चना

  • मंदिर की व्यवस्था को दिए डेढ़ लाख की राशि 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

पौड़ी । दूसरी बार मोदी सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मसूरी के बने सोऽहं हेरिटेज और आर्ट सेंटर द्वारा निर्मित गढ़वाली टोपी पहने अजीत डोभाल अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे। यहां उन्होंने कुलदेवी की पूजा-अर्चना की और साथ ही मंदिर समिति को डेढ़ लाख रुपये दान किए ताकि मंदिर का और ठीक से रखरखाव किया जा सके। अजीत डोभाल के अपने पैतृक गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने ढोल दमऊ के साथ उनका स्वागत किया और उन्हें मंदिर तक पहुँचाया।

गौरतलब हो कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अजीत डोभाल को तीन जून को मोदी सरकार में दोबारा एनएसए की जिम्मेदारी दिए जाने के साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया था । इसके बाद से ही वे पौड़ी स्थित अपने गांव आने का कार्यक्रम बना रहे थे। इसी पूजा अर्चना कार्यक्रम के तहत बीते दिन अजीत डोभाल अचानक अपनी पत्नी और बेटे के साथ पौड़ी जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस पहुंचे। शनिवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे वह अपने पैतृक गांव घीड़ी स्थित बाल कुंवारी मंदिर पहुंचे। उन्होंने यहां लगभग एक घंटे तक परिवार के सदस्यों के साथ कुलदेवी बाल कुंवारी की पूजा-अर्चना की। पूजा संपन्न होने के बाद उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर उनके हालचाल भी पूछे। इसके बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। ज्ञात हो कि इससे पहले भी वर्ष 2014 में पहली बार एनएसए बनने के बाद वे इसी तरह एक निजी कार्यक्रम पर अपने पैतृक गांव घीड़ी पहुंचे थे और उन्होंने अपनी कुलदेवी की पूजा-अर्चना की थी।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अपने निजी कार्यक्रम के चलते उनके पौड़ी जिला मुख्यालय पहुंचने की जानकारी को बेहद ही गोपनीय रखा गया था। बीती शाम पौड़ी पहुंचने पर एनएसए का सर्किट हाउस में आयुक्त गढ़वाल मंडल डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, जिलाधिकारी धीरज सिंह गर्बयाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने उनका स्वागत किया।

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल ने शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री आवास में श्री डोभाल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने उन्हें प्रदेश का भी गौरव बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री डोभाल के साथ ही देश के अनेक महत्वपूर्ण पदों पर हमारे प्रदेश के लोग कार्यरत है, यह भी हमारे लिये सम्मान की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की सीमाये दो देशो की अन्तराष्ट्रीय सीमा से जुड़ी है। हमारे सीमान्तवासी हमारे सीमाओं के भी प्रहरी है। केन्द्र सरकार के सहयोग से सीमान्त क्षेत्रों के विकास में भी निश्चित रूप से मदद मिलेगी। 
श्री डोभाल ने कहा कि उत्तराखण्ड उनकी जन्मभूमि है। उन्होंने प्रदेश के विकास के आवश्यक सहयोग का मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया। 

 

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