UTTARAKHAND

अब एक अक्टूबर को होगी विधायकों के कथित खरीद-फरोख्‍त के स्टिंग मामले की सुनवाई

हरीश रावत के अधिवक्‍ताओं ने मांगा अतिरिक्‍त समय

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नैनीताल : विधायकों के कथित खरीद-फरोख्त से संबंधित स्टिंग मामले में शुक्रवार को नैनीताल हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सुनवाई के लिए हरीश रावत के अधिवक्‍ताओं ने अतिरिक्‍त समय मांगा। मामले में अब अगली सुनवाई एक अक्‍टूबर को होगी। सुनवाई से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नैनीताल पहुंच गए थे। उन्होंने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधने के साथ ही न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा जताया है।

गौरतलब हो कि बीते दिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने फेस बुक वाल पर डाली एक पोस्ट में कहा था कि मैं अपने कुल देवता, ईष्ट देवता का नाम लेकर नैनीताल की ओर प्रस्थान कर रहा हॅॅू। सी.बी.आई. के दोस्तों की जानकारी के लिये बता दूं कि, मैं कल भी नैनीताल में ही रहूंगा।

पोस्ट में उन्होंने लिखा कि सी.बी.आई. की दो बातों से बड़ा डर लगता है, एक तो वो बहुधा यह कह देते हैं कि, गिरफ्तारी से व्यक्ति भाग रहा है या पूछताछ से भाग रहा है और दूसरा ई0डी0 के सहयोग से दुनियां भर में लोगों के एकाउन्ट बता देते हैं, तो मैं दो बातें स्पष्ट करना चाहता हूॅ, एक तो मैं अब जहां रहूंगा जिस दिन, वहां की लोकेशन देता रहूंगा। दूसरा मेरे वहीं खाते हैं, मेरे पास वहीं एकाउन्ट हैं, जो मैंने इनकम टैक्स या चुनाव लड़ते वक्त चुनाव आयोग को प्रस्तुत किये हैं, कोई भी जांच कर लें, सम्पत्ति घटी होगी, बड़ी भी होगी। मेरा किसी देश में कोई एकाउन्ट नहीं है। मुख्यमंत्री बनने के बाद, मैंने अपना पासपोर्ट भी रिन्यू नहीं करवाया है। नैनीताल मैं, आप सबके भरोसे जा रहा हॅू, मेरे पास बड़े वकील खड़ा करने के लिये साधन नहीं है, इसलिये अपने दोस्तों से काम चला रहा हॅू और मुझे न्याय व न्यायालय पर भरोसा है और उससे कई गुना अधिक भरोसा लोकतंत्र के न्याय पर है, जिसके आप स्वामी हैं। आप यह जरूर देखें कि, इस तथाकथित स्टिंग में, मैं क्या कुछ रूपये का आदान-प्रदान कर रहा हॅू? भाव-दाव कर रहा हॅू? आवश्यकता बता रहा हॅू? नहीं ना, हमको तो आप इतने विधायक दे दीजिये, जब कोई आपसे बात करता है, मन की बात उगलवाने के लिये भी आप कुछ कहते हैं और यही तो सरकार गिराने के लिये षड़यंत्र हुआ था, उस षड़यंत्र के विषय में, मुझे उत्सुकता हो सकती है और वो उत्सुकता सही साबित भी हुई, स्टिंगकर्ता ने स्वयं बताया है कि, मेरी सरकार एक साजिशन गिराई गई है और उस साजिश के सूत्रधार का नाम भी बताया है और यह भी कहा कि, लेन-देन भी हुआ है। यह स्वभाविक है, जो विधायक भा.ज.पा. में सम्मिलित हुये, वे कोई महात्मा गाॅधी जी के अनुयायी नहीं थे, उनमें से एक विधायक तो वो थे जिनके विषय में स्वंय स्टिंगकर्ता ने कहा है कि, फलां-फलां व्यक्ति ही सारी सैटिंग करता था, अर्थात मुख्यमंत्री के घर में एक सैटर बैठा हुआ था, उसने स्वयं ही उसका नाम सैटर कहा है। एक षड़यंत्र था, खूबसूरत षड़यंत्र था, एक सामान्य उत्तराखण्डी व्यक्ति के तौर पर, दूसरे की भावनाओं का आदर करने का जन्मजात गुण होने के कारण, मैं षड़यंत्रकारियों के ट्रैक में आ गया।

उन्होंने कहा कि आप सबका आर्शीवाद रहा, माॅ नन्दा-सुनन्दा, पाषाण देवी माॅ का आर्शीवाद रहा, तो ये सारा स्टिंग षड़यंत्र सिद्ध होगा और षड़यंत्रकारी बेनकाब होंगे। मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि, मुझसे कोई गलत काम नहीं हुआ होगा, मगर मैं इतना अवश्य कहना चाहता हॅू, मैंने आपकी कीमत पर कोई, किसी तरीके का, अपनी सेवा के बदले, पैसे का भाव-दाव नहीं किया, न मेरे किसी परिवार के निकटस्त व्यक्ति ने किया है। इधर राज्य में कई और स्टिंग भी हुये हैं, जिनमें सत्ता के निकटस्त लोगों के, निकटस्त जो आज भी निकटस्त बने हुये हैं, काम के बदले दाम वसूल रहे हैं।

गौरतलब हो कि वर्ष 2016 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ पार्टी के विधायकों ने ही बगावत कर दी थी। इसी बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया तो मामला नैनीताल हाईकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाई कोर्ट के केंद्र सरकार के धारा-356 के उपयोग को असंवैधानिक करार देते हुए रावत सरकार को बहाल कर दिया था। इसी बीच एक न्यूज चैनल संचालक द्वारा दिल्ली में स्टिंग जारी किया गया।

राज्यपाल की संस्तुति के बाद केंद्र ने मामला सीबीआइ को सौंप दिया। जिसके बाद रावत सरकार ने कैबिनेट बैठक कर मामला सीबीआइ से हटाकर एसआइटी को सौंप दिया तो कांग्रेस के बागी नेता अब वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने इसे याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने कहा कि जब एक बार राज्य सरकार ने  सीबीआइ जांच की संस्तुति कर दी तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता। पिछले दिनों स्टिंग मामले की प्रारंभिक जांच के बाद सीबीआइ द्वारा हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की गई। सीबीआइ ने कहा था कि वह रावत के खिलाफ मामला दर्ज करने जा रही है। शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। जिसके बाद सुनवाई के लिए अगली तिथि एक अक्‍टूबर मिल गई है।

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