जनता के सवालों को प्रखरता से उठाया जाएगा : त्रिपाठी
देहरादून। उत्तराखंड क्रान्ति दल के केन्द्रीय अध्यक्ष पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा है कि उक्रांद को स्थाई राजधानी गैरसैंण के लिए जनता का भारी समर्थन मिल रहा है। कर्णप्रयाग सीट पर पार्टी उम्मीदवार बलबंत सिंह नेगी ने जिस तरह भाजपा-कांग्रेस के पसीने छुड़ा दिए हैं उससे यह बात साफ हो गई है कि जनता को ज्यादा दिन अंधेरे में नहीं रख सकते। लोकतंत्र की यही खासियत है कि यहां जनता को कोई खरीद या संसाधनों के बल पर धमका नहीं सकता। राष्ट्रीय पार्टियों के तमाम षडयंत्रों के बावजूद जनता आज भी मुद्दा आधारित राजनीति को ही महत्व देती है। उक्रांद के लिए चुनाव सिर्फ हार-जीत का खेल नहीं है, बल्कि हम समाज को बदलने और उत्तराखंड को जनविरोधी नीतियां बनाने वाली भाजपा-कांग्रेस जैसी पार्टियों को सबक सिखाने के लिए भी लड़ रहे हैं। जनता इस बात को अच्छी तरह समझ रही है और उसने मन बनाया है कि सोलह सालों में उनके साथ जो छल हुआ उसे अब ज्यादा दिन नहीं चलने देंगे। जनता की यह अभिव्यक्ति ही हमारे लिए मूल्यों की राजनीति में बने रहने की प्रेरणा है। कर्णप्रयाग सीट पर उक्रांद की लगातार बढ़त ने भाजपा-कांग्रेस को सकते में ला दिया है।
त्रिपाठी ने कर्णप्रयाग से उक्रांद प्रत्याशी बलबंत सिंह नेगी के समर्थन में कई जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि उक्रांद गैरसैंण राजधानी के सवाल को सिर्फ एक जगह के रूप में नहीं देखती है, बल्कि हम इसे उत्तराखंड के विकास के विकेन्द्रीकरण के रूप में देखते रहे हैं। हमारे लिए पेशावर विद्रोह के नायक वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली की जनपक्षीय समझ और उसके लिए ताउम्र लडऩे की प्रेरणा रही है। उन्हीं के सामाजिक-राजनीतिक मूल्यों को उक्रांद ने आत्मसात किया है। वीर चन्द्रसिंह गढ़वाली को भारतीय राजनीति में जो मुकाम हासिल था अगर वे चाहते तो किसी भी राष्ट्रीय पार्टी में शामिल होकर वे अपना राजनीतिक भविष्य बना सकते थे। उनके नेहरू-गांधी से लेकर सीमान्त गांधी अब्दुल गफ्फार खां तक के साथ व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंध थे। लेकिन आजादी के बाद उन्होंने जनता के संघर्षों के साथ खड़ा रहने का रास्ता चुना। वे कभी सुविधाभोगी राजनीति से प्रभावित नहीं हुये। आज जब राजनीति में पैसा-शराब और संसाधनों के अलावा राजनीतिक अपसंस्ति हावी हो गई है तब गढ़वाली जी के प्रेरणा से हम उन्हीं मूल्यों की राजनीति के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि कर्णप्रयाग सीट हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे लिए यह उत्तराखंड के स्वाभिमान का सवाल है। भाजपा-कांग्रेस जहां सत्ता प्रान्त करने के लिए यह चुनाव लड़ रही है उक्रांद इस चुनाव को जीतकर गैरसैंण को राजधनी बनाने के आंदोलन को आगे ले जायेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा-कांग्रेस जो हमेशा राज्य और गैरसैंण को राजधानी बनाने के खिलाफ रही उनके लिए अब भी गैरसैंण को राजधानी बनाने का सवाल महत्वपूर्ण नहीं है।
त्रिपाठी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत जो कह रहे थे कि मैं मडुवा हूं मुझे जितना कूटोगे उतना निखरूंगा। उनसे सवाल है कि आप तो मडुवा की जगह से डर गए। पहाड़ से चुनाव लड़ते तो तुम्हें भी कूटते, लेकिन आप भागकर किच्छा और हरिद्वार चले गए। पहाड़ में हरीश रावत को अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट से एक बार नहीं चार बार कूट चुकी है। भविष्य में भी कूटेगी। इतने के बाद भी वे निखरे नहीं, बल्कि उनके शासन में जिस तरह से शराब, खनन और जमीन माफिया ने अपने पैर पसारे उससे राज्य के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। कहा कि भाजपा-कांग्रेस गैरसैंण को राजधानी के रूप में नहीं देखना चाहती हैं। राज्य आंदोलन के समय से ही जनता इसे अपनी राजधानी मानती रही है। त्रिपाठी ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि इन दोनों पार्टियों के घोषणा पत्र में राजधानी का सवाल नहीं है। इसलिए जनता इन दोनों के छ्दम पहाड़ हितैषी बनने की लफ्फाजियों को जनता के बीच बेनकाब करेगी। उन्होंने कहा कि इस चुनाव परिणामों जो भी हो लेकिन उक्रांद राज्य की जनता के सवालों को और प्रखरता के साथ उठाएगा।