राज्यपाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और एचआरडी मंत्री डॉ. निशंक रहे मौजूद
गढ़वाल की जनता की वर्षों पुरानी मांग भी पूरी हो गयी
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राज्यपाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और एचआरडी मंत्री डॉ. निशंक रहे मौजूदगढ़वाल की जनता की वर्षों पुरानी मांग भी पूरी हो गयीदेवभूमि मीडिया ब्यूरो श्रीनगर (गढ़वाल ): NIT के बहुप्रतीक्षित परिसर का श्रीनगर के समीप सुमाड़ी में शनिवार को भूमि पूजन और शिलान्यास हो गया। इसके साथ ही गढ़वाल की जनता की वर्षों पुरानी मांग भी पूरी हो गयी। हालांकि श्रीनगर में एनआईटी को लेकर बीते सालों से अब तक कई बार उहापोह की स्थिति रही। कुछ पहाड़विरोधी मानसिकता के लोग श्रीनगर गढ़वाल में NIT को संचालित नहीं होने दे रहे थी और इसको पहाड़ से दूर करने के षड्यंत्र में लिप्त रहे हैं।राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) का उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के सुमाड़ी में शनिवार को भूमि पूजन और शिलान्यास होने ने बाद अब यहां स्थायी परिसर की निर्माण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इस परिसर निर्माण के बाद गढ़वाल की प्राचीन राजधानी के एक बार फिर दिन बहुरे जाने की उम्मीद है। शनिवार को NIT के भूमि पूजन और शिलान्यास कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल बेबीरानी मौर्य रही जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक अतिविशिष्ट अतिथि के तौर पर इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ निशंक ने कहा कि यह एनआईटी देश का टॉप एनआईटी होगा। इस अवसर पर उन्होंने सेंट्रल स्कूल खोलने की घोषणा भी की। डॉ. निशंक के द्वारा गढ़वाली में भाषण देना लोकप्रिय तथा चर्चा का विषय रहा । इस दौरान NIT निदेशक प्रो.श्यामलाल सोनी, कुलसचिव कर्नल सुखबीर सिंह एवं सुमाड़ी के लोगों ने अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।इस अवसर पर सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, सांसद तीरथ सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल,उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत के अलावा विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, श्रीमती मुन्नी देवी,विनोद कंडारी,भरत चौधरी, धन सिंह नेगी, दिलीप रावत आदि उपस्थित थे। यहां शिलान्यास व भूमि पूजन के पश्चात सभी श्रीनगर रवाना हो गए। इसके बाद सभी जीआईएंडटीआई मैदान श्रीनगर पहुंचे और यहां सभी अतिथिगणों , एनआईटी के निदेशक प्रो. एसएल सोनी व कुलसचिव कर्नल सुखपाल सिंह का संबोधन हुआ।इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि आज एक ऐसे संस्थान का भूमि पूजन व शिलान्यास हुआ है जिसकी वर्षों से प्रतीक्षा थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अथक प्रयासों से सुमाड़ी में एनआईटी का शिलान्यास संभव हुआ है। उत्तराखण्ड को एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का तोहफा देने के लिये उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया। देवभूमि उत्तराखण्ड में आईआईटी, आईआईएम व एनआईटी जैसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय संस्थान हैं। पिछले 10 वर्षों से एनआईटी का स्थाई कैम्पस नहीं होने के कारण यहां के शिक्षकों व छात्रों ने अनेक चुनौतियों का सामना किया। एनआईटी की आधारशिला रखने के बाद अब इसमें नियमित रूप से पठन-पाठन का कार्य होगा। उम्मीद है कि 2022 में भारत की स्वत्रंता के 75 वर्ष पूर्ण होने तक एनआईटी का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण कार्यों की निरन्तर निगरानी जरूरी है, ताकि निर्माण कार्य समय पर पूर्ण हो। इसके लिए सरकार को प्रबंधन एवं शिक्षकों को मेहनत से कार्य करना होगा। एनआईटी जैसे संस्थानों का मुख्य उद्देश्य इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश की तकनीकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना है, लेकिन यह टेक्नोलॉजी सस्ती व सुलभ होनी चाहिए। किसी भी खोज व अविष्कार का लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि एनआईटी ने पर्वतीय क्षेत्रों के सन्दर्भ में लैण्डस्लाईड व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए विशेष शोध एवं अध्ययन का लक्ष्य रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों की आजीविका वृद्धि विशेष रूप से महिलाओं से जुड़े विषयों का तकनीकी समाधान भी इस संस्थान की प्राथमिकताओं में होना चाहिए। यहां के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को हिमालय क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न विषयों पर शोध व अनुसंधान करना चाहिए। यह संस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों के मन में संशय था कि एनआईटी श्रीनगर में रहेगा या बाहर जायेगा। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास मंत्री की जिम्मेदारी दी, तो सबके मन से यह संशय हट गया था। इसके परिणामस्वरूप ही आज सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी परिसर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया है। एनआईटी में पेयजल की उपलब्धता के लिए 20 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं। 05 करोड़ रूपये आकस्मिक निधि से रिलीज कर दिये हैं। एनआईटी के लिए आन्तरिक सड़को के लिए खर्चा भी राज्य सरकार वहन करेगी। एनआईअी के लिए बिजली के लिए अलग से सुविधा दी जायेगी, जिस पर लगभग 30 करोड़ रूपये का खर्चा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यदायी संस्था एनआईटी के निर्माण में तेजी से कार्य करे, राज्य सरकार द्वारा धनराशि देने में कोई विलम्ब नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रीनगर हमारे उत्तराखण्ड का केन्द्र बिन्दु है, तमाम शैक्षणिक संस्थाएं, मेडिकल कॉलेज और आने वाले समय में यहां रेल भी पहुंचने वाली है, आल वेदर रोड़ एवं रेल का काम तेजी से चल रहा है। हमारी कोशिश है कि 2024-25 तक रेल कर्णप्रयाग तक पहुंच जाए। 80 प्रतिशत रेलवे लाईन टनल के अन्दर है, श्रीनगर के पास तथा अनेक स्थानों पर टनल निर्माण का कार्य अत्याधुनिक रोबोटिक मशीनों द्वारा बहुत तेजी से किया जा रहा है। भविष्य में श्रीनगर में रेलवे स्टेशन बनेगा जिससे श्रीनगर का विकास होगा, उद्योगों की स्थापना होगी। यहां कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रों के सामने एक मौका है जिससे हम अपने क्षेत्र का चहुंमुखी विकास कर सकेंगे।मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उत्तराखण्ड को कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्टक्चर के विकास के लिए अनेक तोहफे दिये हैं, चाहे वह रेल सेवा हो, हवाई सेवा हो या रोड कनेक्टिविटी हो। उत्तराखण्ड शिक्षा का प्रमुख केन्द्र बन चुका है। उत्तराखण्ड में तमाम उच्च शैक्षणिक संस्थान खुले हैं। देहरादून में सीपेट में अध्ययन शुरू ओ चुका है जबकि नेशनल लॉ युनिवर्सिटी भी यहां स्थापित की जा रही है।जहां की शिक्षा व्यवस्था ठीक होती है वहां की सामाजिक व आर्थिकी भी स्वतः ही ठीक हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रतिभा सम्मान योजना के तहत स्नातकोत्तर व प्रोफेशनल कोर्स में टॉप 25 बच्चों की आधी फीस राज्य सरकार द्वारा वापस लौटाने का निर्णय लिया गया है। हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट में टॉप 25 स्थानों पर आने वाले बच्चों को ‘देश को जानो योजना’ के तहत देशाटन कराया जा रहा है। जिससे वे देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति व सामाजिक परिदृश्य से अवगत होंगे। देशाटन के तहत बच्चों को रेल व हवाई यात्राएं भी करायी जा रही हैं, अगर सम्भव हो सके तो समुद्री यात्रा भी कराई जायेगी। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि आज यहां पर एनआईटी का भूमि पूजन व शिलान्यास हो रहा है। एनआईटी से अनेक प्रतिभाशाली छात्र निकल रहे हैं। यहां के छात्र प्रशासनिक, इंजीनियरिंग व अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों में कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि यहां हम एनआईटी के साथ केन्द्रीय विद्यालय भी बनायें, ताकि यहां के बच्चे यहीं अध्ययन कर सकें। सुमाड़ी में एनआईटी की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने अनेक प्रयास किये। इस भवन निर्माण का कार्य दो साल के अन्दर पूर्ण किया जायेगा। परिसर बनने के बाद दुनियाभर से छात्र यहां अध्ययन के लिए आयेंगे। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री श्री हरक सिंह रावत, श्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सांसद श्री अजय भट्ट, श्री तीरथ सिंह रावत, विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी, श्री भरत चौधरी, श्री धन सिंह नेगी, श्री विनोद कण्डारी, श्री दिलीप रावत, श्रीमती मुन्नी देवी शाह, अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, निदेशक एनआईटी श्री श्यामलाल सोनी आदि उपस्थित थे।
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
श्रीनगर (गढ़वाल ): NIT के बहुप्रतीक्षित परिसर का श्रीनगर के समीप सुमाड़ी में शनिवार को भूमि पूजन और शिलान्यास हो गया। इसके साथ ही गढ़वाल की जनता की वर्षों पुरानी मांग भी पूरी हो गयी। हालांकि श्रीनगर में एनआईटी को लेकर बीते सालों से अब तक कई बार उहापोह की स्थिति रही। कुछ पहाड़विरोधी मानसिकता के लोग श्रीनगर गढ़वाल में NIT को संचालित नहीं होने दे रहे थी और इसको पहाड़ से दूर करने के षड्यंत्र में लिप्त रहे हैं।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) का उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के सुमाड़ी में शनिवार को भूमि पूजन और शिलान्यास होने ने बाद अब यहां स्थायी परिसर की निर्माण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, इस परिसर निर्माण के बाद गढ़वाल की प्राचीन राजधानी के एक बार फिर दिन बहुरे जाने की उम्मीद है।
शनिवार को NIT के भूमि पूजन और शिलान्यास कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल बेबीरानी मौर्य रही जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक अतिविशिष्ट अतिथि के तौर पर इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ निशंक ने कहा कि यह एनआईटी देश का टॉप एनआईटी होगा। इस अवसर पर उन्होंने सेंट्रल स्कूल खोलने की घोषणा भी की। डॉ. निशंक के द्वारा गढ़वाली में भाषण देना लोकप्रिय तथा चर्चा का विषय रहा । इस दौरान NIT निदेशक प्रो.श्यामलाल सोनी, कुलसचिव कर्नल सुखबीर सिंह एवं सुमाड़ी के लोगों ने अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
इस अवसर पर सांसद व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, सांसद तीरथ सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, कृषि मंत्री सुबोध उनियाल,उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत के अलावा विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, श्रीमती मुन्नी देवी,विनोद कंडारी,भरत चौधरी, धन सिंह नेगी, दिलीप रावत आदि उपस्थित थे।
यहां शिलान्यास व भूमि पूजन के पश्चात सभी श्रीनगर रवाना हो गए। इसके बाद सभी जीआईएंडटीआई मैदान श्रीनगर पहुंचे और यहां सभी अतिथिगणों , एनआईटी के निदेशक प्रो. एसएल सोनी व कुलसचिव कर्नल सुखपाल सिंह का संबोधन हुआ।
इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि आज एक ऐसे संस्थान का भूमि पूजन व शिलान्यास हुआ है जिसकी वर्षों से प्रतीक्षा थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अथक प्रयासों से सुमाड़ी में एनआईटी का शिलान्यास संभव हुआ है। उत्तराखण्ड को एनआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान का तोहफा देने के लिये उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया। देवभूमि उत्तराखण्ड में आईआईटी, आईआईएम व एनआईटी जैसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय संस्थान हैं। पिछले 10 वर्षों से एनआईटी का स्थाई कैम्पस नहीं होने के कारण यहां के शिक्षकों व छात्रों ने अनेक चुनौतियों का सामना किया। एनआईटी की आधारशिला रखने के बाद अब इसमें नियमित रूप से पठन-पाठन का कार्य होगा। उम्मीद है कि 2022 में भारत की स्वत्रंता के 75 वर्ष पूर्ण होने तक एनआईटी का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके निर्माण कार्यों की निरन्तर निगरानी जरूरी है, ताकि निर्माण कार्य समय पर पूर्ण हो। इसके लिए सरकार को प्रबंधन एवं शिक्षकों को मेहनत से कार्य करना होगा। एनआईटी जैसे संस्थानों का मुख्य उद्देश्य इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश की तकनीकी आवश्यकताओं की पूर्ति करना है, लेकिन यह टेक्नोलॉजी सस्ती व सुलभ होनी चाहिए। किसी भी खोज व अविष्कार का लाभ समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि एनआईटी ने पर्वतीय क्षेत्रों के सन्दर्भ में लैण्डस्लाईड व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए विशेष शोध एवं अध्ययन का लक्ष्य रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों की आजीविका वृद्धि विशेष रूप से महिलाओं से जुड़े विषयों का तकनीकी समाधान भी इस संस्थान की प्राथमिकताओं में होना चाहिए। यहां के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों को हिमालय क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न विषयों पर शोध व अनुसंधान करना चाहिए। यह संस्थान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों के मन में संशय था कि एनआईटी श्रीनगर में रहेगा या बाहर जायेगा। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को मानव संसाधन विकास मंत्री की जिम्मेदारी दी, तो सबके मन से यह संशय हट गया था। इसके परिणामस्वरूप ही आज सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी परिसर का भूमि पूजन व शिलान्यास किया गया है। एनआईटी में पेयजल की उपलब्धता के लिए 20 करोड़ रूपये स्वीकृत किये गये हैं। 05 करोड़ रूपये आकस्मिक निधि से रिलीज कर दिये हैं। एनआईटी के लिए आन्तरिक सड़को के लिए खर्चा भी राज्य सरकार वहन करेगी। एनआईअी के लिए बिजली के लिए अलग से सुविधा दी जायेगी, जिस पर लगभग 30 करोड़ रूपये का खर्चा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यदायी संस्था एनआईटी के निर्माण में तेजी से कार्य करे, राज्य सरकार द्वारा धनराशि देने में कोई विलम्ब नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि श्रीनगर हमारे उत्तराखण्ड का केन्द्र बिन्दु है, तमाम शैक्षणिक संस्थाएं, मेडिकल कॉलेज और आने वाले समय में यहां रेल भी पहुंचने वाली है, आल वेदर रोड़ एवं रेल का काम तेजी से चल रहा है। हमारी कोशिश है कि 2024-25 तक रेल कर्णप्रयाग तक पहुंच जाए। 80 प्रतिशत रेलवे लाईन टनल के अन्दर है, श्रीनगर के पास तथा अनेक स्थानों पर टनल निर्माण का कार्य अत्याधुनिक रोबोटिक मशीनों द्वारा बहुत तेजी से किया जा रहा है। भविष्य में श्रीनगर में रेलवे स्टेशन बनेगा जिससे श्रीनगर का विकास होगा, उद्योगों की स्थापना होगी। यहां कालेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्रों के सामने एक मौका है जिससे हम अपने क्षेत्र का चहुंमुखी विकास कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उत्तराखण्ड को कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्टक्चर के विकास के लिए अनेक तोहफे दिये हैं, चाहे वह रेल सेवा हो, हवाई सेवा हो या रोड कनेक्टिविटी हो। उत्तराखण्ड शिक्षा का प्रमुख केन्द्र बन चुका है। उत्तराखण्ड में तमाम उच्च शैक्षणिक संस्थान खुले हैं। देहरादून में सीपेट में अध्ययन शुरू ओ चुका है जबकि नेशनल लॉ युनिवर्सिटी भी यहां स्थापित की जा रही है।
जहां की शिक्षा व्यवस्था ठीक होती है वहां की सामाजिक व आर्थिकी भी स्वतः ही ठीक हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रतिभा सम्मान योजना के तहत स्नातकोत्तर व प्रोफेशनल कोर्स में टॉप 25 बच्चों की आधी फीस राज्य सरकार द्वारा वापस लौटाने का निर्णय लिया गया है। हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट में टॉप 25 स्थानों पर आने वाले बच्चों को ‘देश को जानो योजना’ के तहत देशाटन कराया जा रहा है। जिससे वे देश के विभिन्न हिस्सों की संस्कृति व सामाजिक परिदृश्य से अवगत होंगे। देशाटन के तहत बच्चों को रेल व हवाई यात्राएं भी करायी जा रही हैं, अगर सम्भव हो सके तो समुद्री यात्रा भी कराई जायेगी।
https://youtu.be/hlKcSwsUNlo