Science & Technology

वैज्ञानिकों ने लैब में लाल रक्त कोशिकाएं तेजी से बनाने का तरीका ढूंढ निकाला

नई दिल्ली। लाल रक्‍त कोशिकाओं (आरबीसी) का ट्रांसफ्यूजन कई तरह की शारीरिक स्थितियों जैसे कि रक्‍त की भारी कमी, दुर्घटना संबंधी आघात, हृदय शल्‍य चिकित्‍सा, ट्रांसप्‍लांट सर्जरी, गर्भावस्‍था संबंधी जटिलताओं, ट्यूमर संबंधी कैंसर और रक्‍त संबंधी कैंसर के लिए एक जीवन-रक्षक उपचार है। हालांकि, विशेषकर विकासशील देशों के ब्‍लड बैंकों में अक्‍सर रक्‍त के साथ-साथ रक्‍त के घटकों जैसे कि लाल रक्‍त कोशिकाओं का भारी अभाव रहता है।

विश्‍वभर के शोधकर्ता रक्त बनाने वाले स्टेम सेल (एचएससी) से शरीर से बाहर आरबीसी बनाने की संभावनाएं तलाश रहे हैं। इन एचएससी में रक्‍त में पाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं को सृजित करने की विशिष्‍ट क्षमता है। विभिन्‍न समूह एचएससी से प्रयोगशाला में आरबीसी का सृजन करने में सक्षम साबित हुए हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में लगभग 21 दिनों का काफी लम्‍बा समय लगता है। इतनी लम्‍बी अवधि में प्रयोगशाला में कोशिकाओं का सृजन करने में जितनी धनराशि लगेगी, उसे देखते हुए चिकित्‍सीय कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर आरबीसी का सृजन करना काफी महंगा साबित हो सकता है।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के पुणे स्थित राष्‍ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (एनसीसीएस) के एक पूर्व वैज्ञानिक डॉ. एलएस लिमये के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने इस समस्‍या के समाधान का तरीका ढूंढ निकाला है। यह टीम इस प्रक्रिया में लगने वाले कुल समय को तीन दिन घटाने में सफल रही है।

डॉ. लि‍मये ने बताया कि इस प्रक्रिया में बनने वाली कोशिकाओं की गुणवत्‍ता के परीक्षण के लिए अनेक तरह की जांच कराई गई और इसके साथ ही उनकी अनेक विशिष्‍टताओं पर भी गौर किया गया, जिससे यह तथ्‍य उभर कर सामने आया कि इस प्रक्रिया के उपयोग से बनने वाली लाल रक्‍त कोशिकाएं (आरबीसी) बिल्‍कुल सामान्‍य थीं। इन निष्‍कर्षों से इस दिशा में आगे शोध करने की संभावनाओं को काफी बल मिला है। शोधकर्ताओं ने एक पत्रिका ‘स्टेम सेल रिसर्च एंड थेरेपी’ में अपने अनुसंधान पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। (इंडिया साइंस वायर)

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »