नगीना से सपा विधायक मनोज पारस की जमानत याचिका रद्द
- अपहरण,मारपीट व गाली गलौज करने के मामले में हैं जेल में बंद यू पी के विधायक
कोटद्वार : लक्ष्मणझूला के एक होटल में ठहरे जिला पंचायत सदस्यों के कमरों में जबरन घुसकर उनके साथ मारपीट व गाली गलौज करने के मामले में उत्तर प्रदेश के नगीना से सपा विधायक मनोज पारस की जमानत याचिका को एडीजे सहदेव सिंह की अदालत ने खारिज कर दिया। जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी ने बताया कि यह मामला डीजे कोर्ट से एडीजे कोर्ट के लिए ट्रांसफर हुआ था।
17 जनवरी, 2013 की रात को लक्ष्मणझूला के एक होटल में ठहरे जिला पंचायत सदस्यों के कमरों में जबरन घुसकर उनके साथ मारपीट व गाली गलौज करने के आरोपी विधायक मनोज पारस पर आरोप है कि उन्होंने अपने कुछ साथियों संग मिलकर यह अपराध किया था । इसी दिन देर रात उनके और साथियों के खिलाफ थाना लक्ष्मणझूला में बिजनौर के जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया गया था। इस मामले में कोर्ट ने सपा विधायक मनोज पारस के खिलाफ वारंट जारी किये थे और उत्तराखंड पुलिस मनोज पारस की गिरफ्तारी के लिए लगातार उनके कई ठिकानों पर दबिश दे रही थी।
इसी मंगलवार को मनोज पारस ने सीजेएम पौड़ी की अदालत में सरेंडर करते हुए जमानत याचिका दी थी। जबकि इसी मामले में सपा की अखिलेश सरकार में मंत्री रहे मूलचंद चौहान, उनके बेटे अमित चौहान, कपिल, रजा अली परवेज, पूर्व जिलाध्यक्ष राशिद हुसैन, शेरबाज पठान, पूर्व सपा सांसद नगीना यशवीर धोबी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नसरीन सैफी के पति रफी सैफी आदि सपा नेताओं को भी कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा था। बाद में ये सब जमानत पर छूटकर जेल से बाहर आए थे। इन सबके खिलाफ अभी भी न्यायालय में मामला चल रहा है।