सांसद खंडूड़ी चाहते हैं अपने कार्यकाल में पारित लोकपाल बिल !
- आखिर क्या है पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद खंडूड़ी के इशारों का मतलब ?
- हमारे पास 57 विधायक हैं किसी भी दिन लोकायुक्त बिल पास कर सकते हैं : खंडूड़ी
- भारत वर्ष में यह अकेला लोकपाल है, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकृति दी हुई है : सांसद खंडूड़ी
- सांसद खंडूड़ी ने कहा कांग्रेस का लोकपाल बेवकूफी भरा
- प्रदेश की जनता कठोर प्रावधानों वाले लोकपाल बिल की आज भी देख रही है राह
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
रुद्रप्रयाग । गढ़वाल सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (अप्रा) बीसी खंड़ूडी अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के ऐलान के बीच अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था, मैंने लोकायुक्त पास किया था। उन्होंने कहा हमारे प्रदेश का भारत वर्ष में यह अकेला लोकपाल है, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकृति दी हुई है जिसपर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दस्तखत किए हुए हैं। लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक प्रतिद्वंदता के चलते स्वीकृत लोकायुक्त को अस्वीकृत कर दिया था। लेकिन इस समय तो हमारे पास 57 विधायक हैं। जो किसी भी दिन लोकायुक्त बिल पास कर सकते हैं।उन्होंने कहा इस बिल के पास होने के बाद विधायक और मुख्यमंत्री तक भी इसके दायरे में आएंगे।’ वहीँ उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लोकपाल बेवकूफी भरा है। और यदि कांग्रेस ईमानदार होती तो मेरे समय के लोकायुक्त बिल को पास कर देते। इस नये बिल की आवश्यकता नहीं थी।
वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद खंडूड़ी ने लोकायुक्त बिल के सवाल पर कहा कि ‘व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत कष्ट होता है कि लोकायुक्त आज तक विधानसभा में पास नहीं हो पाया। उनके इस बयान के कई निहितार्थ लगाये जा रहे हैं वहीँ उनके बीते कुछ दिन पूर्व दिए गए बयान कि राज्य सरकार लकवा ग्रस्त लोकायुक्त बिल लेकर आ रही है के भी कई मायने राजनीतिक गलियारों में लगाये गए । उनके कहने का साफ़ मतलब है कि जिस लोकायुक्त बिल को उनके कार्यकाल में पारित किया गया था राज्य सरकार को चाहिए कि उसको यथावत पारित कराया जाना चाहिए क्योंकि उस बिल में इतने कड़े प्रावधान किये गए हैं कि भ्रष्टाचार करने वाला चाहे वह कोई भी क्यों न हो बच नहीं सकता है ।
सूबे के बुद्धिजीवियों का मानना है कि यदि राज्य की जनता में खंडूड़ी के बिल को लेकर जनमत संग्रह कराया जाय तो राज्य की जनता खंडूड़ी द्वारा पारित लोकायुक्त बिल के साथ खड़ी नज़र आएगी। इसके पीछे के कारण बताते हुए सूबे के जागरूक नागरिकों का मानना है कि बीते 17 वर्षों में जिस तरह से इस राज्य के प्राकृतिक संसाधनों से लेकर तमाम क्षेत्रों में खुली लूट हुई है जिसमें अधिकारी, कर्मचारी से लेकर सूबे के नेता तक शामिल रहे हैं को देखते हुए खंडूड़ी सरकार में पारित लोकपाल बिल को ही सरकार को पारित करना चाहिए। राज्य वासियों का मानना है कि वे राज्य को लूटते हुए अब नहीं देख सकते और भाजपा अथवा कांग्रेस की राजनीतिक मजबूरी हो सकती है कि वह खंडूड़ी वाले लोकायुक्त बिल को पास करने से पीछे हो जायं लेकिन प्रदेश की जनता कठोर प्रावधानों वाले लोकपाल बिल की आज भी राह देख रही है ।
वहीँ इसी बीच कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कैसी सरकार है जो अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा लाये गए लोकायुक्त बिल को पास करने से डर रही है। वहीँ खंडूड़ी के इशारों को देखते हुए भी यही लगता है कि उन्हें अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं है। जबकि अब तक इस सरकार ने तीन विधानसभा सत्र हो चुके हैं और अभी भी इस बात की कोई गारंटी नहीं कि गैरसैण में लोकायुक्त बिल आयेगा क्योंकि गैरसैण में विधानसभा सत्र के दौरान सरकार के सामने कई और मुद्दे होंगे जिन्हें उसे सुलझाना होगा।
- अगला लोकसभा चुनाव में मैं इस सीट से चुनाव लड़ने वाला नहीं
वहीँ खंडूड़ी ने पत्रकारों के सामने घोषणा की कि वे अब एक सवाल कि इस सीट से किसे चुनाव लड़ना चाहिए, तो उनका जवाब था कि इसका फैसला संसदीय बोर्ड करेगा। उम्मीदवार को लेकर मुझसे पूछा जाएगा तो मैं अपनी राय जरूर दूंगा’। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत वर्ष में पौड़ी लोकसभा एक मात्र ऐसी सीट है, जहां जहां पांच जनपद आते हैं। इस सीट से कुमाऊं का क्षेत्र भी जुड़ा है। कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि वह क्षेत्र में कम आते हैं। जबकि जितना वह इस संसदीय क्षेत्र में घूमे हैं, उतना आज तक कोई नहीं घूमा।
- गढ़वाल सांसद ने किया छह मोटरमार्गों का लोकार्पण एवं शिलान्यास
- दिशा की बैठक में दिये अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश
रुद्रप्रयाग । गढ़वाल सांसद भुवन चन्द्र खण्डूड़ी ने कहा कि जनप्रतिनिधि व अधिकारी आपसी सहयोग से कार्य करें। सरकार की मंशा चहुंमुखी विकास की है और यह तभी संभव हो सकता है, जब अधिकारी पूरी तत्परता के साथ कार्य करेंगे और सरकारी योजनाओं को समय पर आम जनता के बीच पहुंचाएंगे। जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में गढ़वाल सांसद भुवन चन्द्र खण्डूड़ी ने कहा कि विकास कार्यों में विवाद पैदा ना करें। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में विवाद के चलते विकास कार्य प्रभावित होते हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारी और जनता आपसी सामंजस्य से कार्य करें। इस दौरान उन्होंने विकास कार्यों के लिये सुझाव भी मांगे। बैठक में मनरेगा, एनआरएलएम., डीडीयू-जीकेवाई, पीएमजीएसवाई, स्वच्छ भारत मिशन सहित 18 विभागों पर चर्चा की गई। बैठक में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि मनरेगा के तहत कुल 11850 कार्यो में से 5580 कार्य पूर्ण कर दिए गए है। पीएमजीएसवाई के तहत कुल स्वीकृत 82 मोटरमार्गों के सापेक्ष 63 मोटर मार्ग का कार्य पूर्ण कर दिया गया है। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना के तहत जनपद में विद्युतीकरण से वंचित 149 तोंको में विद्युतीकरण कार्य प्रक्रिया गतिमान, उज्जवला योजना के तहत बीपीएल परिवारों को अक्टूबर 2017 तक 781 गैर कनैक्शन वितरित किए जा चुके हैं।
बैठक में प्रधान बरसू सुरेन्द्र सिंह बिष्ट ने ग्वाड़-पुनाड़ में पेयजल की किल्लत की शिकायत की। ग्राम प्रधान ईशाला ने बताया कि 2008 में गांव के लिए स्वीकृति थी, लेकिन अभी तक विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिस पर ईई लोनिवि इन्द्रजीत बोस ने बताया कि 2013 में मोटरमार्ग की स्वीकृति मिली थी, लेकिन विवाद के कारण कार्य प्रारम्भ नहीं हो पाया, दो माह पूर्व विवाद सुलझने के बाद कार्यवाही गतिमान है।
वहीं इसके पश्चात गढवाल सांसद ने पीएमजीएसवाई के तहत स्वीकृत द्वारपुर से जोला मोटरमार्ग, गुप्तकाशी क्षेत्रांतर्गत ताल-जामन मोटरमार्ग, मूसाढुंगी-पाली मोटरमार्ग का शिलान्यास तथा बुढना-पालाकुराली, तिलवाडा-भरदार-सौंराखाल मोटरमार्ग, गोरपा-सिरवाडी-कुरछोला मोटमार्ग का लोकार्पण किया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष विजय कप्रवाण, सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत, विधायक रुद्रप्रयाग भरत सिंह चौधरी, विधायक केदारनाथ मनोज रावत, नगरपालिका अध्यक्ष राकेश नौटियाल, सीडीओ डीआर जोशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।