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72 हजार से अधिक श‌िक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की होगी जांच

देहरादून : प्रदेश में 72 हजार से अधिक टीचरों के प्रमाण पत्रों की विभागीय जांच होगी। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के मुताबिक प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़े की शिकायतों पर सीबीआई से भी जांच की संस्तुति की गई है, लेकिन इसमें कुछ समय लग सकता है। जिसे देखते हुए विभागीय जांच का भी निर्णय लिया गया है।

शिक्षा मंत्री ने विधान सभा स्थित कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश के सरकारी एवं अशासकीय सभी स्कूलों के टीचरों के प्रमाण पत्रों की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि फर्जीवाड़े करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

वहीं उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद से मान्यता लेने वाले व सीबीएससी बोर्ड के स्कूलों में सरकार किताबें उपलब्ध कराएगी। इसके मुद्रण के लिए आवेदन किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कई प्राइवेट स्कूलों में खेल मैदान, कंप्यूटर, शौचालय, पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, लेकिन इसके नाम पर अभिभावकों से शुल्क वसूला जा रहा है।

जबकि प्रदेश में कई टीचर बगैर प्रवेश परीक्षा बीएड की डिग्री पाए हैं। सूत्रों की माने तो यह फर्जी बीएड की डिग्री के आधार पर न सिर्फ नौकरी बल्कि प्रमोशन भी पाए हैं।

वहीँ एक जानकारी के अनुसार प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में पीटीए टीचरों की नियुक्तियों में भी नियम ताक पर रखे गए हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक शासन की ओर से जीओ जारी किया गया कि वर्ष 2011 के बाद पीटीए टीचरों की नियुक्ति नहीं की जाएगी, यदि किसी स्कूल में नियुक्ति हुई तो संबंधित संस्थान की मान्यता निरस्त कर दी जाएगी, लेकिन कई स्कूलों ने नियम ताक पर रखकर नियुक्तियां की हैं।

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