यूपी विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन हंगामे के साथ कार्यवाही शुरू होने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में सवाल-जवाब हुए। सदन के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठाए जिसका जवाब नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश नेता सदन मुख्यमंत्री योगी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और सदन से वॉकआउट कर लिया।
बता दे की नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कहती है कि अस्पतालों में स्टाफ नहीं है तो भर्ती करें। पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल में डॉक्टर उपलबध करवाएं। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ तो मुफ्त इलाज देने का वादा करती है।तो दूसरी तरफ सभी तरह की जांच प्राइवेट हाथों में दे रही है।और एमआरआई और सिटी स्कैन हर चीज का पैसा लिया जा रहा है। अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि कहा जाता है कि दिल्ली वाले मदद नहीं करते हैं। दिल्ली वालों को समझाना चाहिए कि दिल्ली की सरकार यूपी से बनती है।
तो इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे… दूसरों को उपदेश देना बहुत आसान है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से प्रदेश में चार बार सपा की सरकार रही है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में पिछले पांच साल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पूर्वांचल में पहले इंसेफलाइटिस से हर साल सैकड़ों मौतें होती थीं पर अब साल दर साल मौतों में कमी होते-होते इस बार एक भी मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की जितनी बदहाली मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का विकास किया जा रहा है।
तो डबल इंजन की सरकार में अब तक कोरोना वैक्सीन की 38 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं। लोकतंत्र में प्रतिपक्ष की भी बड़ी भूमिका है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष को ऐसे बयान नहीं देना चाहिए जो कि तथ्यगत न हो। नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान सुनने के बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हम नेता सदन के बयान से संतुष्ट नहीं हैं इसलिए सदन से वॉक आउट कर रहे हैं। इसके पहले सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही सपा विधायकों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया। हालांकि, हंगामे के कुछ देर बाद कार्यवाही शुरू हो गई।
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यूपी विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन हंगामे के साथ कार्यवाही शुरू होने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में सवाल-जवाब हुए। सदन के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठाए जिसका जवाब नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया। हालांकि, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश नेता सदन मुख्यमंत्री योगी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और सदन से वॉकआउट कर लिया। बता दे की नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार कहती है कि अस्पतालों में स्टाफ नहीं है तो भर्ती करें। पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल में डॉक्टर उपलबध करवाएं। उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ तो मुफ्त इलाज देने का वादा करती है।तो दूसरी तरफ सभी तरह की जांच प्राइवेट हाथों में दे रही है।और एमआरआई और सिटी स्कैन हर चीज का पैसा लिया जा रहा है। अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि कहा जाता है कि दिल्ली वाले मदद नहीं करते हैं। दिल्ली वालों को समझाना चाहिए कि दिल्ली की सरकार यूपी से बनती है।तो इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि पर उपदेश कुशल बहुतेरे… दूसरों को उपदेश देना बहुत आसान है। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से प्रदेश में चार बार सपा की सरकार रही है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में पिछले पांच साल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। पूर्वांचल में पहले इंसेफलाइटिस से हर साल सैकड़ों मौतें होती थीं पर अब साल दर साल मौतों में कमी होते-होते इस बार एक भी मौत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की जितनी बदहाली मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का विकास किया जा रहा है।तो डबल इंजन की सरकार में अब तक कोरोना वैक्सीन की 38 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं। लोकतंत्र में प्रतिपक्ष की भी बड़ी भूमिका है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष को ऐसे बयान नहीं देना चाहिए जो कि तथ्यगत न हो। नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान सुनने के बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हम नेता सदन के बयान से संतुष्ट नहीं हैं इसलिए सदन से वॉक आउट कर रहे हैं। इसके पहले सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही सपा विधायकों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया। हालांकि, हंगामे के कुछ देर बाद कार्यवाही शुरू हो गई।