UTTARAKHAND

केंद्र के बाद अब क्या उत्तराखंड में भी मुख्यमंत्री, विधायकों व मंत्रियों के वेतन में होगी कटौती!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने सांसदों, मंत्रियों के वेतन में 30 फीसदी की कटौती का फैसला लिया है

उत्तराखंड में बुधवार आठ अप्रैल को होने वाली बैठक में लिया जा सकता है निर्णय

केंद्र सरकार कोरोना संकट से निपटने में व्यय करेगी कटौती की जाने वाली राशि

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट के माध्यम से किया केंद्रीय कैबिनेट के फैसले का स्वागत 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों के तहत, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) को दो वर्षों (2020-21 और 2021-22) के लिए संचालित न करने का निर्णय लिया। इस योजना की निधि का उपयोग देश में कोविड-19 की चुनौतियों एवं इसके प्रतिकूल प्रभावों के प्रबंधन में सरकार के प्रयासों को मजबूत करने के लिए किया जायेगा।    

देहरादून। कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजे आर्थिक हालातों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला किया गया है। तय किया गया कि सांसद निधि को दो साल के लिए स्थगित कर दिया जाए और सांसदों, मंत्रियों के साथ ही प्रधानमंत्री के वेतन में 30 फीसदी की कटौती की जाए। यह फैसला राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के वेतन पर भी लागू होगा। वेतन में कटौती की जाने वाली राशि कोरोना संकट से निपटने में व्यय होगी। 

 

वहीं उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में सवाल उठ रहा है कि हर फैसले में केंद्र का अनुसरण करने वाली त्रिवेंद्र रावत सरकार क्या विधायक निधि और विधायकों व मंत्रियों के वेतन के मामले में भी ऐसा ही कोई फैसला लेगी। वहीं सूत्रों ने बताया है कि राज्य सरकार भी केंद्र के निर्णय का अनुसरण करते हुए विधायकों और मंत्रियों सहित दर्जाधारियों के वेतन अथवा मानदेय में कटौती कर सकती है। 

उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट करके केंद्रीय कैबिनेट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने #Covid_19 से लड़ने के लिए बड़े फैसले लिए हैं। सभी सांसदो के वेतन एवं भत्तों मे और पूर्व सांसदो की पेन्शन में एक साल लिए 30% की कटौती की जाएगी।

मुख्यमंत्री रावत ने एक अन्य ट्वीट किया, कोरोना से लड़ने के लिए माननीय राष्ट्रपति जी, माननीय उप राष्ट्रपति जी, सभी राज्यपालों व माननीय सांसदों के वेतन कटौती के अलावा दो साल तक MPLAD में कटौती करने के फैसले का एक जनप्रतिनिधि और नागरिक होने के नाते हार्दिक स्वागत करता हूं।

कोरोना संक्रमण के प्रकोप से उत्तराखंड के आर्थिक हालात चुनौतियां खड़ी कर सकते हैं। राज्य में आय के प्रमुख स्रोत भी लॉकडाउन की वजह से बंद हैं। राज्य के समक्ष आर्थिक संकट से उबरने के लिए कड़े फैसले लेने की घड़ी है। अगर त्रिवेंद्र रावत सरकार ने नई दिल्ली में हुई केंद्रीय कैबिनेट के फैसले का अनुसरण किया तो राज्य में मुख्यमंत्री सहित विधायकों व मंत्रियों, दर्जा प्राप्त राज्य मंत्रियों, सलाहकारों का वेतन भी कम किया जा सकता है।

अब देखना यह है कि उत्तराखंड में बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में क्या फैसला होता है। क्या उत्तराखंड कैबिनेट कोरोना संकट से निपटने के लिए राज्य में विधायक निधि को दो साल के लिए स्थगित करने का फैसला लेती है। क्या मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री, सलाहकारों के वेतन में कटौती की जाएगी और यह कटौती कितने फीसदी होगी। जानकारी के अनुसार उत्तराखंड की विधायक निधि में बड़ी धनराशि शेष है, जिसका इस्तेमाल विधायकों ने विकास कार्यों के लिए नहीं किया है।

मुख्यमंत्री रावत के ट्वीट से इस बात की पूरी उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट के इस फैसले का उत्तराखंड में अनुसरण होना तय है।

devbhoomimedia

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