UTTARAKHAND

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच समझौता ज्ञापन

ऋषिकेश- : टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), पुणे के मध्य “तकनीकी सलाहकार” के रूप में टीएचडीसीआईएल द्वारा तकनीकी सेवाएं प्रदान करने के लिए टीएचडीसी के कॉरपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में 24 नवंबर 2023 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए |

इस अवसर पर आर. के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी द्वारा बताया गया कि उक्त समझौता ज्ञापन के अनुसार, टीएचडीसीआईएल खंबात की घाट के कट और कवर हिस्से में ऊर्ध्वाधर ढलानों सतारा छोर के एल/एस, सतारा छोर के आर/एस और पुणे छोर के आर/एस पोर्टल की सीमा क्षेत्र के भीतर एवं राष्‍ट्रीय राजमार्ग-48 के खंबात की घाट खंड पर नई छह लेन सुरंग के निर्माण और कार्यान्‍वयन के दौरान महाराष्ट्र राज्य में स्थित 771.730 किमी से 782.00 किमी तक के मार्ग के लिए प्रभावी लागत उपाय सुझाने के लिए तकनीकी सेवाएं प्रदान करेगा।

टीएचडीसीआईएल की ओर से कार्यपालक निदेशक (तकनीकी), अतुल जैन और एनएचएआई की ओर से संजय कदम, पीडी पीआईयूपुणे, एनएचएआई ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

टीएचडीसीआईएल साइट विशिष्ट चुनौतियों को कारगर नीति से निबटाने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ लचीले उपचार उपायों के साथ प्रभावित मार्ग को शामिल करते हुए नवीनतम तकनीक और कार्यप्रणाली को अपनाएगा । टीएचडीसीआईएल और एनएचएआई का यह कदम महाराष्ट्र राज्य में एनएच 48 पर चलने वाले वाहनों की सुरक्षित आवाजाही प्रदान करेगा।

इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल से संजय गोयल – मुख्‍य महाप्रबंधक (जी एंड जी), नीरज अग्रवाल-अपर महाप्रबंधक (डिज़ाइन), अमलेंदु त्रिपाठी-वरि. प्रबंधक (जी एंड जी), अमित श्याम गुप्ता-प्रबंधक (डिज़ाइन-सिविल) और एनएचएआई से आर.संपत कुमार एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान उपस्थित थे।

टीएचडीसीआईएल ढलान शमन कार्यों के लिए एमओआरटीएच, देहरादून, एमओआरटीएच -अरुणाचल प्रदेश, एमओआरटीएच पश्चिम बंगाल, एनएचएआई जम्‍मू और कश्‍मीर को परामर्श सेवाएं भी प्रदान कर रहा है।

साथ ही पत्थरों को गिरने से रोकने और माता वैष्णोदेवी और अमरनाथ श्राइन बोर्डों को चट्टानों से सुरक्षा के उपाय प्रदान करने के लिए परामर्श सेवाएं भी प्रदान कर रहा है।

Dev Bhoomi Media

तीन दशक तक विभिन्न संस्थानों में पत्रकारिता के बाद मई, 2012 में ''देवभूमि मीडिया'' के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह पत्रकारिता को बचाए रखना है .जो पाठक पत्रकारिता बचाए रखना चाहते हैं, सच तक पहुंचना चाहते हैं, चाहते हैं कि खबर को साफगोई से पेश किया जाए न कि किसी के फायदे को देखकर तो वे इसके लिए सामने आएं और ऐसे संस्थानों को चलाने में मदद करें। एक संस्थान के रूप में ‘ देवभूमि मीडिया’ जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है। खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है। जैसे-जैसे हमारे संसाधन बढ़ेंगे, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव अवश्य दें। आप अपना सुझाव हमें हमारे ई-मेल devbhumi.media@gmail.com अथवा हमारे WhatsApp नंबर +919719175755 पर भेज सकते हैं। हम आपके आभारी रहेंगे

Related Articles

Back to top button
Translate »