अंतरआत्मा की आवाज पर डाले वोट डालने की अपील कर गयी मीरा कुमार
विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार समर्थन जुटाने पहुंचीं देहरादून
विधानसभा में 17 जुलाई को होगा राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान
देहरादून : अंतरआत्मा की आवाज पर वोट डालने की अपील के साथ ही राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति का चुनाव विचारधारा की लड़ाई की तौर पर लड़ा जा रहा है। संयुक्त विपक्ष की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी मीरा कुमार ने कहा है कि जातिगत भेदभाव और शारीरिक व मानसिक प्रताडना के मामले पहले भी होते थे लेकिन तब हम शर्मिन्दा होते थे और सब मिलकर उसे समाप्त करने की कोशिश करते थे । लेकिन अब तीन साल से उनके खिलाफ लडने वाला कोई नही है । उल्टे, इसे समर्थन दिया जा रहा है। संयुक्त विपक्ष ने इसके खिलाफ लडनें को राष्ट्रपति चुनाव को वैचारिक लडाई में बदला है। इसलिये उन्होने निर्वाचक मंडल को पत्र लिखकर अंतर्रात्मा की आवाज पर मत देने की अपील की है।
यहां अपने प्रचार को पहुंची पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने राजपुर रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत की तो मंच पर समर्थक 18 दलों में से केवल कांग्रेस नेता ही मौजूद थे । उनके साथ यहां कांग्रेस के सह प्रदेश प्रभारी और हरियाणा की नेत्री पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री कुमारी शैलजा आई थी ।
मीरा कुमार ने 10-15 दिन पहले अपनी वैचारिक विभिन्नतायें भुलाकर श्रीमती सोनिया गांधी के संयोजन में उन्हे संयुक्त विपक्ष की प्रत्याशी बनाये जाने को ऐतिहासिक घटना बताया और कहा कि इससे यह चुनाव व्यक्ति-व्यक्ति के बीच न होकर विचारधाराओं के बीच हो गया है। अब हमारे सामने दो रास्ते हैं- संकीर्णता और उदारता। हांलांकि पत्रकारों के सवाल पर वे इसका स्पष्ट जवाब नही दे पाई कि जब चुनाव विचारधाराओं का है तो वे प्रतिबद्ध निर्वाचन मंडल से अंतरात्मा की आवाज पर वोट देने की अपील क्यों कर रही है ? न वे यह सवाल का साफ जवाब दे पाई कि केंद्र सरकार से वैचारिक भिन्नता के बाद भी असहमत होने पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कुछ कहते या करते क्यों नही दिखे ? भी सबसे बडी बात,18 दलों की प्रत्याशी होने के बाद भी पत्रकार वार्ता के मंच पर केवल और केवल कांग्रेस नेता ही दिखे । अन्य किसी दल का किसी भी स्तर का कोई नेता वहां नही दिखा ।
मीरा कुमार ने कहा कि इस देश की खूबसूरती इसकी धर्म-संप्रदायों की मत विभिन्नता के बाद भी प्रेम से एक साथ बडे दिल के साथ रहना है । हम मत वैभिन्य को उत्सव रूप में मनाते आये हैं । उन्होने कहा कि अब हाशिये पर धकेली जा रही जनता हमें आशाओं के साथ देख रही है। एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि चुनाव के बाद राजनैतिक दलों के राष्ट्रपति प्रत्याशी अपने दल से त्याग पत्र देते हैं और वे सरकार की सलाह पर ही काम भी करते हैं लेकिन जितना नैतिक बल राष्ट्रपति पद में है, उतना और किसी पद में नही है।
वार्ता से पहले मीरा कुमार ने उत्तराखंड की जनता को भावपूर्ण शुभकामनायें दी। वार्ता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व विधानसभा गोविन्द सिंह कुंजवाल, राज्यसभा सदस्य महेंद्र सिंह माहरा,प्रदीप टम्टा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डाक्टर इंदिरा हृदयेश, विधायक फुरकान अहमद आदि भी थे । मीरा कुमार ने कांग्रेस के विधायकों और राज्यसभा के सांसदों से दून के होटल में मुलाकात की।
इससे पहले राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्ष की उम्मीदवार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार बृहस्पतिवार सुबह ही देहरादून पहुंची। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, वरिष्ठ नेता जोत सिंह बिष्ट समेत कई कांग्रेसियों ने उनका स्वागत किया।
वहीँ राजपुर रोड स्थित एक होटल में वो पार्टी के तीनों राज्यसभा एमपी और 11 विधायकों से मुलाकात करेंगी। इस बाबत सभी को पहले से ही सूचना दे दी गई है। मालूम हो कि एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविद कुछ दिन पहले देहरादून आकर भाजपा सांसदों और विधायकों के साथ मुलाकात कर चुके हैँ।
उल्लेखनीय है कि एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविद कुछ दिन पहले देहरादून आकर भाजपा सांसदों और विधायकों के साथ मुलाकात कर चुके हैँ।
गौरतलब हो कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 17 जुलाई को विधानसभा में सुबह दस से शाम पांच बजे तक होगा। इसमें सभी विधायक व निर्वाचन आयोग से अनुमति प्राप्त करने वाले सांसद मतदान करेंगे।
उत्तराखंड में चुनाव के सहायक रिटर्निंग अफसर और सचिव विधानसभा जगदीश चंद्र ने बताया कि राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों के लिए मतदान की व्यवस्था विधानसभा में की गई है। उन्होंने कहा कि जिन सांसदों को केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने देहरादून में मत देने की अनुमति दी है, वे भी यहां मतदान कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदान के दिन मतदान स्थल पर मोबाइल फोन, कॉर्डलैस फोन, वायरलैस सेट तथा कैमरा आदि लाना मना है।