आंग्ल नववर्ष मनुष्य की प्रवृत्ति व प्रकृति को समझने का वर्ष होना चाहिए। सन् 2022 में देश और देशवासी किसी बुराई का नहीं अपितु अच्छाई का अनुकरण करें,तभी मानवता के पैमाने पर हम कोई आदर्श सामने रख पाएंगे।
कमल किशोर डुकलान
आज बहुप्रतीक्षित अॉग्ल नववर्ष का स्वागत है। हां, कुछ वर्ष ऐसे होते हैं, जिनके बारे में लगता है कि जल्दी बीत जाएं, 2021 भी एक ऐसा ही बोझिल वर्ष था। आज धूल, कोहरे और बादल में सूर्य के दर्शन कई जगह दुर्लभ होंगे, कई जगह धूप भले न खिली हो, लेकिन स्याह रात ढलने के बाद जो प्रकाश पसरा है, वह सूर्य के होने का प्रमाण है। इस धूल, कोहरे और बादल में हमारी कितनी नाकामी छिपी है,2022 भी हमारे विमर्श का पहला विषय होना चाहिए।
जलवायु की चिंता के इस महत्वपूर्ण समय में हमें प्रकृति का ऋण भलीभांति चुकाना होगा। हवा, जल,आकाश से हमें जो नि:शुल्क स्नेह और जीवन मिलता है, क्या उसके बारे में कभी हम सोचते हैं? हमने क्या प्रकृति से केवल लेना-छीनना ही सीखा है, हम प्रकृति को देते क्या हैं? प्रकृति का हम पर जो ऋण है, उसे लौटाने का वर्ष आ गया है। हमें 2022 में तय करना होगा कि हम समस्या का हिस्सा हैं या समाधान के माध्यम।
2021में हमने ऑक्सीजन की जिस किल्लत का सामना किया है,उसके स्थायी समाधान के लिए हमें काम करना होगा। पिछले वर्ष पुरानी बीमारियों ने जिस तरह से दर्द दिया,उसे याद रखते हुए हमें छोटी से छोटी बीमारी को भी गंभीरता से लेना होगा।
यह मनुष्य की प्रवृत्ति व प्रकृति को समझने का वर्ष होना चाहिए। हमारे बारे में कोई दूसरा फैसले ले, उससे पहले हमें अपनी बेहतरी के लिए खुद फैसले लेने पड़ेंगे। खुद के लिए क्या बेहतर है और अपनी बेहतरी किसी दूसरे के लिए दुख-दर्द का कारण तो नहीं बन रही है? आज के समय में संसाधनों की कमी से ज्यादा दुख व्यवहार की कमी से मिल रहे हैं। विपदा के समय हमने जो व्यवहार किया था, विपदा के समय हम कैसे किसी के काम आए थे, यह सोचकर हमें नए वर्ष में सुधार की सीढ़ियां चढ़नी चाहिए। नए वर्ष में लोग और देश किसी बुराई नहीं, किसी अच्छाई का अनुकरण करें,तभी हम मानवता के पैमाने पर कोई आदर्श सामने रख पाएंगे।
आपदा और टीकाकरण के समय हमने देखा है,अमीर देश गरीब देशों को और अमीर लोग अपने जरूरतमंद दोस्तों-रिश्तेदारों को अपने हाल पर छोड़कर एक अलग ही अकेलेपन की ओर बढ़ रहे हैं। उम्मीद कीजिए, इस कमी पर ज्यादा से ज्यादा लोगों का ध्यान जाएगा।
उम्मीद की जानी चाहिए कि अॉग्ल नववर्ष में भारत की चौतरफा चुनौतियों को जवाब मिले। पड़ोसियों को समझ आए,सीमाओं पर सभ्यता और शालीनता लौटे। तमाम बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारतीयों को न केवल उपभोक्ता समझें,अपने सामाजिक दायित्व भी वे ढंग से निभाएं।
विधि का कोरा कारोबार नहीं,बल्कि न्याय की सेवा हो,तो शासन-प्रशासन का उदार स्वरूप सामने आए। बीता 2021 का वर्ष किसान आंदोलन की सफलता के साथ यह संदेश दे गया है कि एकजुटता और आंदोलन की सुनवाई सुनिश्चित है,तो दबे,कुचले,वंचित लोगों,वर्गों को एकजुटता के साथ अपनी बात रखनी चाहिए। जरूरतमंद लोगों के बढ़े हुए उत्साह के साथ हम आंग्ल वर्ष में आए हैं,क्योंकि सरकारों ने भी अपने स्तर पर राहत देने की पूरी कोशिश की है।
2022 में भी सुनिश्चित करना होगा कि किसी गरीब को अन्न-धन के अभाव का सामना न करना पड़े। यह बेहतर सामाजिक योजनाओं और उनके क्रियान्वयन का वर्ष होना चाहिए। यह बेहतर काम-धंधे और रोजगार का वर्ष होना चाहिए।
[mc4wp_form]
By signing up, you agree to our
Terms of Use and acknowledge the data practices in our
Privacy Policy. You may unsubscribe at any time.