अल्मोड़ा। माओवादी गतिविधियों में सक्रिय रहे अल्मोड़ा जिले के बर्गल गांव निवासी एसएसजे परिसर के पूर्व छात्र हेम मिश्रा समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने से माओवादियों को करारा झटका लगा है। इधर विधानसभा चुनाव के दौरान सोमेश्वर इलाके में माओवादियों द्वारा लगाए गए पोस्टरों के बारे में पुलिस सक्रियता से जांच में जुट गई है। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने कहा है कि इस मामले में जल्द ही सफलता मिलने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र स्थित गढ़चिरौली की सत्र अदालत ने मंगलवार को अल्मोड़ा जिले के बर्गल (भैंसियाछाना) निवासी हेम समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हेम मिश्रा पूर्व में एसएसजे परिसर अल्मोड़ा में अध्ययनरत रहे। उस दौरान वह अल्मोड़ा में पीएसएफ से जुड़े रहे। बाद में उन्होंने जेएनयू दिल्ली से चीनी भाषा में कोर्स किया था।
कुछ साल पहले उन्हें महाराष्ट्र में माओवादी गतिविधियों में गिरफ्तार किया गया था। हेम समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के बाद माओवादी गतिविधियों को करारा झटका लगा है। अल्मोड़ा और आसपास के इलाकों में भी कई बार माओवाद के समर्थन वाले पोस्टर लगते रहे हैं।
विधानसभा चुनाव के दौरान सोमेश्वर कस्बे और आसपास के इलाकों में माओवादियों ने आक्रामक स्लोगन वाले पोस्टर चिपकाने के साथ ही दीवारों में भी माओवाद के समर्थन वाले नारे लिखे थे। इसमें लोगों से चुनाव का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया था। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान भी अल्मोड़ा और आसपास के इलाकों में इस तरह के पोस्टर लगाए गए थे।
इन पोस्टर लगाने वालों का पता नहीं लग सका है। इधर एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया है कि पुलिस जांच में जुटी है और जल्द ही जांच को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि फिलहाल सोमेश्वर वाले मामले की हर कोण से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सोमेश्वर इलाके में लगाए गए पोस्टरों को पूर्व में हुई इस तरह की गतिविधियों के साथ भी जोड़कर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस को जल्द सफलता मिलने की उम्मीद है।