UTTARAKHAND

Corona Effect : मानव जाति घरों के भीतर तो वन्य जीव सड़कों पर कर रहे आराम

लोग घरों में कैद तो वन्य जीव सड़कों पर आजकल फरमा रहे आराम

जो काम भारत के इतिहास में अरबों रुपये  खर्च करने के बाद आज तक की सरकारें नहीं कर पायी वह काम एक महीने के लॉकडाउन ने कर दिखाया 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : लॉकडाउन के प्रभाव की आज हम बात करते हैं, जो काम भारत के इतिहास में अरबों रुपये  खर्च करने के बाद आज तक की सरकारें नहीं कर पायी वह काम एक महीने के होने जा रहे लॉकडाउन ने कर दिखाया है,

हिमालय से निकलने वाली गंगा और यमुना नदियां जिनका जल आचमन करने से ही श्रद्धालु डरने लगे थे आज उनका जल पीने योग्य माना जाने लगा है वहीं दूसरी तरफ समूची मानव जाति अपने को कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण से बचाने के लिए घरों में कैद है और सड़कें सुनी पड़ी हुई हैं ।तो वहीँ दूसरी तरफ वन्य जीव उन सड़कों पर आजकल आराम तो फरमा ही रहे हैं साथ ही जमकर अठखेलियां भी कर रहे हैं।

समूची दुनिया को कोरोना वायरस ने पूरी तरह से हिला कर रख दिया है। और प्रकृति अपने को सजाने और सवांरने पर जुटी हुई है। प्रदूषण फैलाने वाले मानव जाति के घरों में लॉकडाउन में रहने से प्रकृति का एक नया रूप सामने आ रहा है । गंगा और यमुना जैसी नदियाँ प्रदुषण के पराकाष्ठा तक पहुँचने के बाद आज खुद को सुरक्षित पा रही है , गंगा का जल निर्मल और पीने योग्य अब वैज्ञानिक बताने लगे हैं।

वहीं लॉक डाउन के चलते जंगलों की तरफ मानव गतिविधियों के रुकने से वन्य जीव अपने को सुरक्षित महसूस करने लगे हैं। वे अब जंगलों में कैद रहने के बजाय जंगलों से बाहर सड़कों पर निकलने लगे हैं। वन्य जीवों के इस तरह  जंगल से बाहर निकलने की देश व  दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से कई तस्वीरें सामने आ रही हैं। इन तस्वीरों में इन्हें बिना किसी डर के सड़कों पर घूमते हुए देखा जा रहा है।

ताजा तस्वीरें दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क से सामने आयीं हैं जिन्हें उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से देश -दुनिया को साझा की हैं। इन तस्वीरों और वीडियोज में शेरों को सड़कों पर आराम करते हुए देखा जा सकता है। जबकि आमतौर पर इन शेरों को झाड़ियों में रहना पसंद है, लेकिन लोगों का वन्य क्षेत्रों में लॉक डाउन के कारण बंद हुई आवाजाही के चलते इन जानवरों का सड़कों पर भी राज चल रहा है।

 

दक्षिण अफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क के रेंजर रिचर्ड साउरी ने द्वारा इन चित्रों और वीडियोज को अपने कैमरे में कैद किया गया है।  नेशनल पार्क के ट्विटर हैंडल से ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं हैं। जिन्हें हम आपके साथ साझा कर रहे हैं। 

बात यदि उत्तराखंड के कॉर्बेट नेशनल पार्क अथवा राजाजी नेशनल पार्क की करें तो यहाँ भी आजकल वन्यजीवों के सड़कों पर आने की ख़बरें सामान्य हैं ।

Dev Bhoomi Media

तीन दशक तक विभिन्न संस्थानों में पत्रकारिता के बाद मई, 2012 में ''देवभूमि मीडिया'' के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह पत्रकारिता को बचाए रखना है .जो पाठक पत्रकारिता बचाए रखना चाहते हैं, सच तक पहुंचना चाहते हैं, चाहते हैं कि खबर को साफगोई से पेश किया जाए न कि किसी के फायदे को देखकर तो वे इसके लिए सामने आएं और ऐसे संस्थानों को चलाने में मदद करें। एक संस्थान के रूप में ‘ देवभूमि मीडिया’ जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है। खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है। जैसे-जैसे हमारे संसाधन बढ़ेंगे, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव अवश्य दें। आप अपना सुझाव हमें हमारे ई-मेल devbhumi.media@gmail.com अथवा हमारे WhatsApp नंबर +919719175755 पर भेज सकते हैं। हम आपके आभारी रहेंगे

Related Articles

Back to top button
Translate »