देहरादून । विधानसभा चुनाव लड़े कई उम्मीदवारों ने अभी तक अपने चुनाव खर्चे का हिसाब जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में जमा नहीं किया है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के अनुसार निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को निर्वाचन के परिणाम घोषित होने के 30 दिन के अन्दर भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली के आदेश के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी को अपने निर्वाचन व्यय के लेखे की सही प्रतिलिपि एवं बाऊचर मूल रूप से दाखिल करनी थी लेकिन कई उम्मीदवारों द्वारा चुनाव खर्चे का ब्यारों प्रस्तुत नहीं किया गया है।
जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी रविनाथ रमन के अनुसार निर्वाचन व्यय का लेखे प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि 10 अपै्रल निर्धारित की गई थी, लेकिन कई उम्मीदवार चुनाव खर्चें का ब्योरा प्रस्तुत करने में असफल रहे। इन पप्रत्याशियों में 16- विकासनगर विधानसभा से कौशल किशोर गौतम – समाजवादी पार्टी, भास्कर चुग – आल इण्डिया फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी, निर्दलीय प्रत्याशियों में आशोक सिंह, राजीव कुमार, 17-सहसपुर विधानसभा से शास्त्री पवन मलेठा – उत्तराखण्ड क्रान्तिदल, मन्जू सिंह – राष्ट्रीय लोक दल पार्टी, निर्दलीय प्रत्याशी गौरव पुण्डीर, 18- धर्मपुर विधानसभा से मनमोहन लखेड़ा – हमारी जनमंच पार्टी,
निर्दलीय प्रत्याशी गुलिस्ता खानम, निरज सिंघल, मौहम्मद इस्माईल, रूपेन्द्र कुमार तोमर, 19- रायपुर विधानसभा से अनिल डोभाल- उत्तराखण्ड क्रान्तिदल, उषा नागर- राष्ट्रीय आदर्श पार्टी, मॉ प्रभा किरन- सर्व विकास पार्टी, राजेन्द्र प्रसाद गैरोला- राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी, निर्दलीय प्रत्याशी तेजेन्द्र सिंह रावत, नागेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह नेगी, यज्ञभूषण शर्मा, रूखसार मंसूरी, विजय नाथ, 20- राजपुर विधानसभा से संदीप कुमार पाल- उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी, 23- डोईवाला विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश चन्द्र तिवारी,
24- ऋषिकेश विधानसभा से राजेन्द्र प्रसाद गैरोला- उत्तराखण्ड क्रान्ति दल सम्मिलित है को निर्धारित तिथि 10 अप्रैल 2017 तक दाखिल नही करने में असफल रहने के कारण के सम्बन्ध भारत निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन नई दिल्ली को अपना लिखित अभ्यावेदन प्रस्तुत कर एवं उसकी एक प्रति जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी को पृष्ठांकित करते हुए निर्वाचन व्यय लेखा मूल में, अनुलंग्नक-15 स्वप्रमाणित मय मूल बाऊचर एवं निर्चाचन व्यय हेतु खोले गये बैंक एकाउंट विवरण सहित नोडल अधिकारी, निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण/मुख्य कोषाधिकारी देहरादून के कार्यालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें, अन्यथा बिना किसी ठोस कारण या औचित्यसम्मता के विधि द्वारा अपेक्षित रीति से समय सीमा के अन्दर निर्वाचन व्ययों का लेखा दाखिल करने में असफल रहने के सम्बन्ध में भारत निर्चाचन आयोग द्वारा लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा क के अधीन सम्बन्धित को निरर्हित घोषित करने हेतु बिना किसी पूर्वाग्रह के प्रमुख सचिव एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखण्ड देहरादून एवं भारत निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन अशोक रोड़ नई दिल्ली को प्रकरण प्रेषित कर दिया जायेगा, जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित का होगा।