- आतंकियों से मुठभेड़ में उत्तराखंड के मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल हुए शहीद
- मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल समेत चार जवान हुए शहीद
- पार्थिव शरीर विशेष विमान से पहुंचा जौलीग्रांट एयरपोर्ट
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । पुलवामा में आतंकी मुठभेड़ में शहीद दून के मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल का पार्थिव शरीर सोमवार रात उनके नेशविला रोड स्थित आवास पहुंचा। सेना के जवानों के कंधे पर तिरंगे से लिपटे ताबूत में घर पहुंचे बेटे को देखकर परिजन बिलख पड़े। सुबह जहां सन्नाटा पसरा था, वहां एकाएक कोहराम मच गया। वहां मौजूद लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट गई। शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को मंगलवार को अंतिम विदाई दी जाएगी। शहीद के पार्थिव शरीर को विशेष विमान से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट लाया गया। यहां से पार्थिव शरीर सैन्य अस्पताल और फिर उनके नेशविला रोड स्थित आवास लाया गया। जहां तिरंगे में लिपटा शव देख परिजन बिलख उठे। शहीद की मां सरोज रो-रोकर बेसुध हो गई। वहां मौजूद लोगों ने बमुश्किल उन्हें संभाला। वहीं बहन वैष्णवी व पत्नी निकिता के आंसू भी थम नहीं रहे थे।
अभी जम्मू कश्मीर में तैनात मेजर चित्रेश बिष्ट का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया था कि राजौरी के नौशेरा सेक्टरजम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सोमवार सुबह सुरक्षाबल और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में देहरादून के मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल समेत चार जवान शहीद हो गए। गंभीर रूप से घायल जवान गुलजार मोहम्मद को 92 बेस हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया है। इसके अलावा एक स्थानीय नागरिक मुस्ताक अहमद भी इस दौरान घायल हो गया। इस दौरान एक आम नागरिक के मारे जाने की भी खबर है। घटना स्थल पर मोर्चा संभालने के लिए पैरा कमांडो के दस्ते को बुलाया गया है। मुठभेड़ में सेना ने जैश ए मोहम्मद के एक कमांडर सहित दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इस मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई। सैन्य व पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मारे गए एक आतंकवादी की पहचान कामरान के रूप में की गई है जो एक पाकिस्तानी नागरिक और जैश का शीर्ष कमांडर था। दूसरे आतंकवादी की पहचान स्थानीय नागरिक हिलाल अहमद के रूप में की गई है। उसका संबंध भी जैश-ए-मोहम्मद से था।
शहीद मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल का पार्थिव शरीर विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा,जहां सेना के जवानों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उसके बाद सेना वाहन शहीद का पार्थिव शरीर लेकर देहरादून के लिए रवाना हो चुके हैं। एक के बाद एक सैनिक के शहीद होने से उत्तराखंड ग़मज़दा हो गया है। वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर कहा पुलवामा में हमारे वीर जवानों ने 2 आतंकियों को मौत के घाट उतारा है, लेकिन दुःखद कि इस मुठभेड़ के दौरान मेजर विभूति ढौंडियाल समेत 4 जवान शहीद हुए हैं। शहीदों को कोटि कोटि नमन करते हुए शोक संतप्त परिवारों के साथ मेरी संवेदना हैं और दुःख की इस घड़ी में हम उनके साथ हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल का घर देहरादून के नेश्विवला रोड के 36 डंगवाल मार्ग में हैं। 34 वर्षीय मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल सेना के 55 आरआर (राष्ट्रीय राइफल) में तैनात थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। बीते साल अप्रैल में उनकी शादी कश्मीरी पंडित निकीता कौल से हुई थी। पिताजी स्व ओमप्रकाश ढौंडियाल कंट्रोलर डिफेंस एकाउंट आफिस में थे। 2012 में उनका निधन हो गया था। घर में अभी दादी व मां मौजूद हैं। अभी उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं है। मेजर ढौंडियाल पौड़ी जिले के बैजरो के ढौंड गांव के मूल निवासी हैं। सोमवार (आज) सुबह की मेजर की पत्नी दिल्ली मायके के लिए निकली थी। वह जब ट्रेन में थीं तब उन्हें इसकी जानकारी मिली।
गौरतलब हो कि इससे पहले बीते शनिवार को जम्मू कश्मीर में तैनात मेजर बिष्ट राजौरी के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास आइईडी को डिफ्यूज करते वक्त विस्फोट में शहीद हो गए थे। मूलरूप से अल्मोड़ा जिले के पिपली निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट उर्फ सोनू का परिवार देहरादून के नेहरू कॉलोनी में रहता है। उनके पिता एसएस बिष्ट रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर हैं। बता दें कि चित्रेश की सात मार्च को शादी होनी थी, इसके लिए कार्ड भी छप चुके थे। उनका आज सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।