-गिरिया गांव से रवाना होकर डोली पहुंची ओंकारेश्वर
रुद्रप्रयाग । पंचकेदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो गई है। डोली आगमन पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने डोली का पुष्प अक्षत्र से भव्य स्वागत किया। रविवार से भगवान मद्महेश्वर की शीतकालीन पूजा-अर्चना यहां पर शुरू की जायेगी।
शनिवार को ब्रह्मबेला पर गिरीया गांव में मद्महेश्वर धाम के प्रधान पुजारी राजेशखर लिंग ने भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली व साथ चल रहे देवी-देवताओं के निशाणों की पंचाग पूजन व पौराणिक परम्पराओं के तहत अनेक पूजायें सम्पन्न कर आरती उतारी और ठीक सवा आठ बजे भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गिरीया से रवाना हुई और फाफंज, सलामी से होकर मंगोलचारी पहुंची, जहां पर रावल भीम शंकर लिंग द्वारा भगवान मद्महेश्वर की डोली को सोने का छत्र चढाया गया और ग्रामीणों ने अर्घ्य लगाकर मनौती मांगी।
तद्पश्चात् भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली मंगोलचारी से रवाना होकर ब्राह्मणखोली, डंगवाडी यात्रा पड़ा़वो पर श्रद्धालुओ को आशीष देते हुए अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान हुई। डोली आगमन पर श्रद्धालुओं ने भगवान मद्महेश्वर को अर्घ्य लगाकर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की।
इस मौके पर मंदिर समिति के कार्याधिकारी अनिल शर्मा, मेलाध्यक्ष रीता पुष्पवाण, प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग, कुब्जा धर्म्वाण, सचिव प्रकाश रावत, खुशहाल सिंह नेगी, महावीर रावत, लक्ष्मण सिंह नेगी, मोहन सिंह बिष्ट, विजेन्द्र नेगी, जगदीश लाल, अनुसूया प्रसाद भट्ट, नवदीप नेगी, दीपक राणा, भूपेन्द्र राणा, विश्वमोहन जमलोकी, नवीन मैठाणी, नवीन, गजेन्द्र करासी, खण्ड विकास अधिकारी बीसी शुक्ला, थानाध्यक्ष प्रेम सिंह बिष्ट, लक्ष्मी प्रसाद भट्ट सहित मेला समिति के पदाधिकारी, सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी व विद्यालयों के अध्यापक व नौनिहाल मौजूद थे।