CHAMOLI

लामबगड़ बना यात्रियों से लूट का मैदान

20 किलोमीटर के वसूले जा रहे डेढ़ सौ रुपये

कंडी से एक व्यक्ति को पार कराने के लिए जा रहे 15 सौ से 25 सौ रुपये

देवभूमि मीडिया ब्यूरो  

जोशीमठ : जोशीमठ –बद्रीनाथ के बीच लामबगड़ जिसका स्थानीय भाषा में शाब्दिक अर्थ लडाई का मैदान होता है लेकिन अलकनंदा घाटी में बसा यह मैदान लूट का मैदान बन गया है। यहाँ सरकारी पैसे की लूट के बावजूद पिछले 20 सालों से भू-स्खलन जोन आज तक ठीक नहीं हो पाया है जिसपर सरकार के करोड़ों रुपये डूब चुके हैं, लेकिन यहाँ पर 200 मीटर मार्ग की दशा नहीं सुधर पायी है। सूबे में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा सरकार के दौरान इस क्षेत्र का यह भूस्खलन वाला इलाका निजी ठेकेदार को दे दिया गया था तब से लेकर अब तक यह यात्रा  मार्ग लगातार तीन-तीन दिन तक बंद रहने लगा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब यह यात्रा मार्ग बंद हो जाता है तो यहाँ लूट शुरू हो जाती है। देश के यात्रियों से खुले आम लूट, पुलिस के संरक्षण में लूट। यहाँ से बद्रीनाथ की दूरी महज लगभग 20 किलोमीटर है और यहाँ से बद्रीनाथ तक जीप का किराया सामान्य दिनों में महज़ 40 रूपये ही लिया जाता है लेकिन जैसे ही यहाँ मार्ग बंद होता है जीप वाले पुलिस के साथ मिलकर यात्रियों से इसी दूरी का बद्रीनाथ तक का किराया लेते हैं 150 रुपये। चर्चा तो यहाँ तक है कि जीप के इस किराये में 20 रुपये प्रति सवारी पुलिस को जाता है। यही हाल इस भू-स्खलन जोन के दूसरे किनारे का है जहाँ से गोविन्द घाट और जोशीमठ का किराये में भी तीन गुना वृद्धि पुलिस संरक्षण में हो जाती है। इतना ही नहीं भूस्खलन के कारण जब मुख्यमार्ग से आवाजाही नहीं हो पाती है तो यात्रियों सहित स्थानीय लोगों को लामबगड़ गाँव के रास्ते लगभग एक किलोमीटर पहाड़ी से चढ़कर भूस्खलन जोन पार करना होता है यहाँ भी कंडी वालों की लूट शुरू हो जाती है ये भी महज़ इतनी दूरी के 15 सौ रुपये से 25 सौ रुपये तक यात्रियों से लेकर उनकी जेब काट रहे हैं यहाँ की इस लूट में भी पुलिस के हिस्से की जानकारी स्थानीय लोगों ने दी है। इतना ही नहीं इस लूट का पुलिस के पास  बाकायदा हिसाब -किताब भी होता है जो बद्रीनाथ और पांडूकेश्वर में तैनात पुलिस कर्मी बैरियर पर रखते हैं।  

चर्चाएँ तो यहाँ सरे आम हैं कि बद्रीनाथ और पांडूकेश्वर में तैनात पुलिस कर्मी जानबूझकर भूस्खलन जोन को ठीक करने वाले ठेकेदार पर सड़क खोलने का दबाव जानबुझकर इसलिए नहीं बनाते हैं कि कहीं उनकी आय कम न हो जाय। वहीँ यह बात भी चर्चा में आयी है कि बद्रीनाथ और पांडूकेश्वर में तैनात पुलिस कर्मी दोनों तरफ का यातायात इसलिए बद्रीनाथ और पांडूकेश्वर में इसलिए रोक लेते हैं ताकि यात्रियों की भारी संख्या का दबाव सड़क खोलने वाले ठेकेदार पर न पड़ें और इनकी लूट जारी रहे। स्थानीय लोगों का कहना है कि ‘’यदि यात्रियों का यहाँ जमावड़ा लगा तो सड़क खोलनी होगी और सड़क खुली तो पैसा बंद’’ लिहाज़ा लूटमार में मशगूल इन लोगों का धंधा लामबगड़ भूस्खलन इलाके से जुडा हुआ है जो बारिश और भू-स्खलन के साथ इन लोगों की जेबों पर धन वर्षा करता रहता है।   

devbhoomimedia

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