लाॅक डाउन में डिजिटल एजुकेशन से बच्चों की आँखों पर पड़ रहा है रेडिएशन का अत्यधिक प्रभाव : डॉ. रेनू
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के हिमालयन अस्पताल की डाॅ. रेनू धस्माना एक जानी मानी नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं जिन्होंने वर्तमान डिजिटल युग के साइड इफेक्ट और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के उपयोग और इनके प्रयोग से आँखों सहित मानव शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता के लिए जानकारी दी ।
डाॅ. रेनू धस्माना ने कहा कि लाॅक डाउन में डिजिटल एजुकेशन से बच्चों पर इसका अत्यधिक प्रभाव पड़ रहा है। डाॅ. रेनू धस्माना ने कहा कि कोरोना काल में छात्र-छात्राओं को सभी विषयों के लिए पढ़ाई ऑनलाइन करनी पड़ रही है। जिससे कि उनकी आंखों पर जहां जोर पड़ रहा है वहीं रेडिएशन का प्रभाव भी पड़ रहा है ।
डाॅ. धस्माना ने कंम्प्यूटर विजन सिर्डोम व डिजिटल आई स्ट्रेन पर कहा कि लाॅकडाउन में इंटरनेट व मोबाइल का प्रयोग अत्यधिक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल आई स्ट्रेन यानी लंबे समय तक मोबाइल, कम्प्यूटर, टैबलेट पर काम करने से हमारी आंखों पर पढ़ रहे दुष्प्रभावों के नींद आना, कंधों में दर्द होना।
डाॅ. धस्माना ने कहा कि बच्चों को अक्सर देखा जाता है आंखों को रगड़ते हुए, क्योंकि आज के समय में बच्चे भी मोबाइल फोन गेम खेलना जैसी लत के आदि हैं हमें बच्चों को अत्यधिक मोबाइल के प्रयोग से बचाना होगा। उनका कहना है कि हम किताब या अखबार पढ़ते समय हम एक उचित दूरी का ध्यान रखते हैं जबकि मोबाइल, कम्प्यूटर के प्रयोग करते समय हम उसके अत्यधिक नजदीक चले जाते हैं।
उन्होंने कहा हमें और बच्चों को डिजिटल गैजेट्स का प्रयोग करते समय निश्चित दूरी बनानी होगी। मोबाइल का प्रयोग में यह भी दिक्कत है कि उसका फोंट साइज एक जैसा नही होता कही पे छोटा होने से भी हमारी आंखों में जोर पड़ता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ ने आंखों की सुरक्षा पर सुझाव दिए। उन्होंने सलाह दी कि कम्प्यूटर व मोबाइल के प्रयोग के समय से अपनी आंखों की पलकों को झपकाएं, साथ ही उन्होंने आंखों को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम भी बताए।