Uttarakhand

खोखले दावों के बीच कहीं शुरू न हो केदारनाथ यात्रा !

दावे हजार,लेकिन तैयारी कहीं नहीं आ रही नजर

मौसम भी इस बार नहीं दिख रहा मेहरबान

रुद्रप्रयाग । तीन मई से शुरू हो रही द्वादश ज्योर्तिलिंगों में अग्राणी भगवान केदारनाथ की यात्रा को लेकर इस बार तीर्थ यात्रियों में एक नया उत्साह देखा जा रहा है। इस बार यात्रा से आपदा पीड़ित केदारघाटी की जनता को कई उम्मीदें हैं। बाबा केदारनाथ की यात्रा पर पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को सुविधा देने के लिये शासन-प्रशासन ने बड़े दावे किये हैं, लेकिन अभी तक यात्रा तैयारियां नाकाफी नजर आ रही हैं। ऐसे में यदि प्रशासन के दावे खौखले साबित होते हैं तो देश-विदेश से बाबा केदार के दर्शनों के लिये आने वाले तीर्थ यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।

द्वादश ज्योर्तिलिंगों में शुमार विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम की यात्रा तीन मई से शुरू हो रही है। रविवार को विधि-विधान के साथ बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से केदारनाथ धाम के लिये रवाना होगी। डोली रवाना करने की सभी तैयारियां लगभग पूर्ण हो चुकी हैं। इस बार केदारनाथ धाम आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिये प्रशासन ने बड़े-बड़े दावे किये हैं। लगभग छह जार तीर्थ यात्रियों के रूकने की बात केदारपुरी में कही जा रही है। केदारनाथ यात्रा पड़ावों पर पानी, स्वास्थ्य, बिजली आदि सुविधाएं यात्रियों को दिये जाने के दावे हो रहे हैं। केदारनाथ हाईवे का सफर सुगम बताया जा रहा है, लेकिन अभी तक जो स्थिति सामने आई है, वह नाकाफी नजर आ रही है।

इस बार केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होने के आसार हैं। पिछली बार भी यात्रियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई थी, लेकिन केदारनाथ में यात्रियों के रहने की पर्याप्त जिम्मेदारी नहीं हो पाई थी। पिछले यात्रा सीजन और इस बार बार भी केदारनाथ में यात्रियों के रहने और खाने की जिम्मेदारियों गढ़वाल मंडल विकास निगम को सौंपी गई हैं, लेकिन गढ़वाल मंडल विकास निगम के कार्यों पर कई यात्रियों ने आपत्ति भी जताई थी। पिछले यात्रा सीजन में पहले ही दिन यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों ने पैदल मार्ग पर भारी अव्यवस्थाएं झेली थी। स्थिति यह थी कि कई यात्रियों को सही समय पर सुविधाएं नहीं मिल पाई।

सोनप्रयाग, फाटा आदि स्थानों अभी तक पानी की व्यवस्था नहीं हो पाई है। जबकि शौचालयों का निर्माण भी नहीं किया गया है और तीर्थ यात्रियों की आवाजाही केदारघाटी में शुरू हो गई है। केदारनाथ हाईवे के भी बुरे हाल हैं। हाईवे पर जगह-जगह डेंजर जोन बने हुये हैं। केदारनाथ यात्रा के आधार शिविर गौरीकुंड में भी किसी प्रकार के कार्य नहीं हो पाये हैं। जबकि सोनप्रयाग में शापिंग काम्पलैक्स का निर्माण नहीं हुआ है। पार्किंग भी उबड़-खाबड़ स्थिति में है। यदि केदारनाथ यात्रा की तैयारियां सही समय पर शुरू की जाती तो सही समय पर कार्य पूर्ण हो जाते।

हालांकि इस बार प्रशासन ने यात्रियों को सुविधा देने के लिये बड़े-बड़े दावे किये हैं। यदि यह दावे वास्तविक में धरातल पर उतरते हैं, यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलती हैं तो केदारनाथ यात्रा को लेकर एक अच्छा संदेश जायेगा। फिलहाल कपाट खुलने में समय कम और काम ज्यादा है। मौसम भी अभी मेहरबान नजर नहीं आ रहा है। दोपहर बाद बारिश हो रही है, जिससे तैयारियां प्रभावित हो रही हैं। वहीं जिलाधिकारी रंजना वर्मा की मानें तो यात्रा तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रशासन की ओर से यात्रियों को बेहतर सुविधाएंदी जाएंगी। कही से भी किसी यात्री की शिकायत नहीं आयेगी। यात्रियों को असुविधा नहीं होने दी जायेगी।

devbhoomimedia

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