विधायक ने यात्रा मार्ग पर फैली अव्यवस्थाओं पर जताया रोष

गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग का लिया जायजा
जिला प्रशासन की तैयारियों पर जताई चिंता
धाम में रहने, खाने की नहीं है पर्याप्त व्यवस्था
रुद्रप्रयाग । केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग का जायजा लिया। इस दौरान उन्हें पैदल मार्ग पर भारी अव्यवस्थायें देखने को मिली। उन्होंने प्रशासन की व्यवस्थाआें पर चिंता व्यक्त की और कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केदारनाथ धाम पहुंचेंगे तो हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी धाम में आयेंगे, लेकिन पैदल मार्ग सहित धाम में रहने के लिए व्यवस्थाएं पूरी नहीं है।
यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लेकर लौटे केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने बताया कि गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर आज भी अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। गौरीकुंड से पहले सोनप्रयाग पड़ाव पर ना रहने की कोई व्यवस्था है और ना ही शौचालय व पेयजल की आपूर्ति की गई है। ऐसे में तीर्थ यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि पैदल पड़ाव गौरीकुंड के जगह-जगह मार्ग खस्ताहाल बना हुआ है, जहां पर चलना किसी खतरे से खाली नहीं है। इसके अलावा यात्रा पैदल मार्ग पर रहने, खाने व शौचालन की भी व्यवस्था नहीं है, जिससे तीर्थ यात्री परेशान हो सकते हैं। केदारनाथ विधायक ने कहा कि केदारनाथ में सीमित टेंट और आवास हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केदार कपाट खुलने के मौके पर पहुंच रहे हैं और उनके आगमन पर देश-विदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के धाम में पहुंचेंगे, लेकिन धाम में दो हजार के करीब भी लोगों के रहने की सुविधा नहीं है। ऐसे में तीर्थयात्रियों को भारी ठंड में खुले आसमान के बीच रहना होगा।
उन्होंने कहा कि प्रशासन भी यात्रा तैयारियों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। कहा कि सरकार और शासन-प्रशासन यात्रा को लेकर चिंतित नहीं है। यह यात्रा स्थानीय लोगों के रोजगार से जुड़ी हुई है। अगर यात्रा अच्छी नहीं रही तो देश-विदेश के श्रद्धालु यहां से अच्छा संदेश लेकर नहीं जायेंगे और स्थानीय लोगों का रोजगार भी ठप हो जायेगा।
केदारनाथ पहुंचकर विधायक श्री रावत ने धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा भी लिया। इसके अलावा यात्रा व्यवस्थाओं में जुटे अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि यात्रियों की सेवा में कोई कोर कसर नहीं रहनी चाहिए। यात्रियों से अथिति देवो भवः की परम्परा से पेश आंए। इस मौके पर उनके साथ क्षेत्रीय जनता भी मौजूद थी।