TEMPLES
कमलेश्वर मंदिर श्रीनगर : निःसंतान के लिए देता है वरदान में संतान
संतान प्राप्ति हेतु होती है “खड़े दीये” की पूजा जो किसी तपस्या से कम नहीं
इस बार पूजा का आयोजन 10 नवंबर (रविवार) को होगा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
निःसंतान दम्पत्ति को वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन पूजा में सम्मिलित होने के लिये मन्दिर कार्यकारिणी से रजिस्ट्रेशन करवाना होता है। इस पूजा को करने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है।
वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन गोधूलि बेला पर मंहत दीपक प्रज्वलित कर अनुष्ठान का आरंभ करते हैं। मंदिर के ब्राहमणों द्वारा प्रत्येक निसंतान दंपितयों का संकल्प और पूजा कराई जाती है।
खड़ा दीया पूजा कर रही महिलाएं दो जुड़वा नींबू, श्रीफल, दो अखरोट, पंचमेवा, चावल अपनी कोख से बांधकर घी से भरा दीपक लेकर रात्रि भर खड़ी रहती हैं। महिला के थक जाने पर उसके पति या अन्य पारिवारिक सदस्य कुछ देर के लिए दीपक हाथ में ले लेते हैं।
दूसरे दिन प्रात: शुभ मुर्हत पर भगवान कमलेश्वर का अभिषेक किया जाता है। प्रत्येक दंपति अपना दीपक शिव के प्रतिनिधित्व करने वाले मंहत को साक्षी मान शिवार्पण करते हैं। बाद में श्रीफल देकर निसंतान दंपतियों को भोजन कराया जाता है।