Uttarakhand

जोत सिंह बिष्ट बने मंडी समिति के अध्यक्ष

शिब्बु भाई बने श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य

देहरादून : प्रदेश में लालबत्ती बांटने का सिलसिला थमने के बजाए और जोर पकड़ता जा रहा है। सरकार ने प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट को मंडी परिषद का अध्यक्ष बनाया है। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। सरकारी ओहदा मिलने पर बिष्ट का प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।

मंडी परिषद के अध्यक्ष का पद पूर्व विधायक शैलेंद्र मोहन सिंघल के पद से हटने के बाद से खाली पड़ा हुआ था। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता जारी होने में कुछ दिन शेष बचे हैं, सरकार ने उक्त पद पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट की नियुक्ति कर दी है। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया है। बिष्ट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का करीबी भी माना जाता है। बिष्ट पिछला विधानसभा चुनाव धनोल्टी सीट से बतौर निर्दलीय लड़ चुके हैं। धनोल्टी सीट पर कैबिनेट मंत्री और पीडीएफ से जुड़े उक्रांद विधायक प्रीतम सिंह पंवार के चुनाव लड़ने की चर्चाओं के बीच बिष्ट की इस पद पर तैनाती को सियासी नजरिए से अहम माना जा रहा है। सरकारी ओहदा मिलने के बाद बिष्ट के कद में इजाफा हुआ है। वह टिहरी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और थौलधार विकासखंड के प्रमुख रह चुके हैं।

जोत सिंह बिष्ट प्रदेश चुनाव समिति और घोषणापत्र समिति में भी शामिल किए गए हैं। उन्हें सरकारी ओहदा मिलने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी समेत तमाम कांग्रेस नेताओं ने खुशी जाहिर की है। उधर, कांग्रेस नेत्री संतोष कश्यप को अति पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। संतोष कश्यप ने राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय से मुलाकात कर उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया गया।

वहीँ  रांसी , उखीमठ, रुद्रप्रयाग के  भाई शिव सिंह रावत को श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का सदस्य बनाया गया है । उनके स्वर्गीय पिता जी रांसी के पूर्व प्रधान थे।कौन नहीं जानता उनको ? जिसे मिलते हैं उसके प्रिय बन जाते हैं। परंपरा से वे(रांसी के लोग) भगवान मदमहेश्वर और बाबा केदारनाथ की डोली को उनके धाम तक छोड़ना और वापस शीत कालीन गद्दी स्थल तक लाने का हर साल दायित्व ख़ुशी से निभाते हैं। केदारनाथ हमेशा नगे पैर जाते हैं। जितने लोकप्रिय केदार भूमि में हैं उतने ही जाने-पहचाने नाम बदरीनाथ और चमोली में भी।

इलाके में लोग उनको 108 सेवा भी कहते हैं। क्योंकि कोई भी बीमार हो या परेशानी में शिब्बु भाई को याद करे और वे हाजिर। केदारनाथ आपदा के बाद गर्भ गृह की सफाई भी उन्होंने ही शुरू की। हीटो-केदार अभियान में चौमासी से केदार गए दल, जिसमें 3 दर्जन से अधिक लडकिया थी को संभाल कर केदारनाथ पंहुचाया उन्होंने। उसी दल में श्री अशोक कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड भी थे। वे भी शिब्बु भाई की तारीफ करते थक नहीं रहे थे। याने जो जिम्मेदारी भाई शिब्बु को जब मिली उस पर वे खरे उतरे।

ऐसे शिब्बु भाई को 2 साल पहले मंदिर समिति का सदस्य बन जाना चाहिए था । उनका नाम गया भी था।पर तत्कालीन जनप्रतिनिधि (?) के बिरोध के चलते नहीं बन पाये। शिब्बु उनका सम्मान तो पूरा करते थे पर उनके दरबार में “लमलेट” नहीं होते थे। फिर उन जनप्रतिनिधि की फितरत ही केदार के लोगों को ख़त्म करना या आपस में कटाना था ।

अब बाबा केदार के आशीर्वाद, माननीय मुख़्यमंत्री श्रीमान हरीश चंद्र सिंह रावत के आम और वास्तविक लोगों को नेतृत्व देने के सही निर्णय , बिधायक और मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल जी के सहयोग व डॉ के एस पंवार  प्यार से, भाई शिव सिंह अब मंदिर समिति के “माननीय सदस्य” हैं।

devbhoomimedia

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