हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का जोशीमठवासियों किया कड़ा विरोध

- जनप्रतिनिधियों ने हेलंग-मारवाडी वाईपास निर्माण का किया विरोध
प्रकाश कपरूवाण
जोशीमठ। हेलंग-मारवाडी वाईपास को लेकर हुई जनसुनवाई मे जोशीमठ के नागरिकों ने पुरजोर विरोध करते हुए अपनी लिखित आपत्ति सक्षम प्राधिकारी के सामने रखी। मंगलवार को हेलंग पचांयत कार्यालय मे सक्षम प्राधिकारी व अपर जिलाधिकारी की मौजूदगी मे जनसुनवाई शुरू हुई। जोशीमठ व आसपास के इलाकों के बड़ी संख्या में पंहुचे व्यापारियों और जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर मे हेलंग-मारवाडी वाईपास निर्माण का विरोध करते हुए अपनी आपत्तियाॅ लिखित मे सक्षम प्राधिकारी को सौपी।
इससे पूर्व सुनवाई के दौरान जनप्रतिनिधियों ने हेलंग-मारवाडी वाईपास निर्माण वर्ष 1989-90 से लेकर अब तक हुई कार्यवाही का ब्यौरा देते हुए कहा कि वर्ष 1976 मे तत्कालीन गढवाल कमिश्नर महेश चंद्र मिश्रा की अध्यक्षता मे एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन केवल और केवल जोशीमठ की भूगर्भीय सर्वे के लिए किया गया था और उस कमेटी ने व्यापक अध्ययन के बाद अपनी जो रिपोर्ट शासन को प्रेषित की थी उसमे स्पष्ट किया था कि जोशीमठ रेत के टीले पर बसा एक नगर है इसके निचले हिस्सो अलकंनदा के तट के समीप किसी भी प्रकार का ब्लास्ट, टिपान नहीं किया जा सकता। यदि ऐसा होगा तो जोशीमठ नगर कभी भी भू-धंसाव के चेपट मे आ जाऐगा और इसके बाद वर्ष 1989 मे जब बीआरओ ने हेलंग-मारवाडी वाईपास पर काम शुरू किया तो इसी रिपोर्ट को इलाहाबाद हाईकोर्ट मे प्रस्तुत की गयी और कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल स्थगन ओदश दे दिया। तब से इस वाईपास का एक तरह से चैप्टर ही समाप्त हो गया था।
हाॅलाकि यदा-कदा बीआरओ इस प्रयास मे निरंतर लगा रहता था कि किसी तरह वाईपास निर्माण हो जाए। लेकिन जोशीमठ की जनता की एकजुटता व विरोध के चलते बीआरओ सडक निर्माण का कार्य शुरू नही कर सका। अब चारधाम आल वैदर रोड के नाम पर एक बार फिर वाईपास का जिन्न बाहर निकल आया है। इस बार तो केन्द्र के सडक परिवहन मंत्रालय ने अधिसूचना तक जारी कर दी है । और विभिन्न विभागो के साथ संयुक्त निरीक्षण भी कर लिया गया।
भूमि अधिग्रहण के प्रावधानो के अनुसार जनसुनवाई के अंतिम कार्यक्रम को जिला प्रशासन ने निपटा दिया। हाॅलाकि इसमे लिखित विरोध हुआ। लेकिन इस बैठक मे मौजूद सक्षम प्राधिकारी व अपरजिलाधिकारी ईला गिरी ने स्पष्ट किया जनसुनवाई इस बात को लेकर है कि इस वाईपास मे अधिग्रहित भूमि पर किसी को आपत्ति है या नही! इस पर मौजूद जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर मे जानना चाहा कि आखिर आल वैदर रोड जो चारधाम यात्रा के लिए तैयार की जा रही है उससे एक धार्मिक एव पर्यटन नगर को हमेशा -हमेशा के लिए अलग-थलग क्यो किया जा रहा है? इसका उत्तर देते हुए बीआरओ के अधिकारियों का कहना था कि वाईपास निर्माण के बाद हेलंग-जोशीमठ सडक को भी दुरस्त किया जाऐगा और वाईपास के वन-वे ट्रैफिक के लिए बनाया जाऐगा।
जनसुनवाई के दौरान अंत में अपर जिलाधिकारी ने लिखित मे आपत्ति मांगी जिस पर जनप्रतिनिधियो ने अपनी आपत्तियाॅ लिखित रूप मे दी। हालाँकि हेलंग के कुछ ग्रामीणो ने वाईपास का समर्थन भी इस बैठक मे किया।
वाईपास की जनसुनवाई के दौरान सक्षम प्राधिकारी ईला गिरी के अलावा बीआरओ की 75आरसीसी के द्वितीय कमान अधिकारी आरके प्रकाश ,एसडीएम योगेन्द्र सिह, पालिकाध्यक्ष रोहणी रावत, भाजपा जिलाध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल, तहसीलदार चंद्रशेखर बशिष्ठ,पूर्व पालिकाध्यक्ष रामकृष्ण सिह रावत, व ऋषि प्रसाद सती,, ब्यापार मंडल के संरक्षक माधव प्रसाद सेमवाल पूर्व जिंप सदस्य गोविदं सिह पंवार ,,ब्यापार संघ के अध्यक्ष नैनसिंह भंडारी, तहसील अध्यक्ष श्रीराम डिमरी,, भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूरी, लक्ष्मण फरकिया,,रविन्द्र साह, नितेश चौहान, राजेश नंबूरी, विजय डिमरी, अंशुल भुज्वांण, गौरव नंबूरी, पूर्व मडल अध्यक्ष कैप्टन मदन सिंह, पूर्व सदस्य बलबीर सिह विष्ट,सांसद प्रतिनिधि राकेश भंडारी, सहित अनेक लोगो मौजूद थे।