GMVN और KMVN के एकीकरण के बहुप्रतीक्षित फैसले पर लगी मुहर
- पर्यटन विकास परिषद की बोर्ड की बैठक एका पर लगी मुहर
देहरादून : पर्यटन विकास परिषद् की बैठक में पर्यटन के क्षेत्र में काम कर रहे दोनों निगमों के एकीकरण के बहुप्रतीक्षित फैसले पर निर्णय आखिरकार हो ही गया। परिषद् की बैठक में गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) और कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के एकीकरण पर पर्यटन विकास परिषद के बोर्ड ने मुहर लगा दी है। बैठक में तय किया गया कि दोनों निगमों के कर्मचारी संगठनों और प्रबंधन के साथ बैठक कर गतिरोध वाले बिंदुओं को सुलझा लिया जाएगा। जिसके बाद मंत्रिमंडल की बैठक में एकीकरण का प्रस्ताव लाया जाएगा।
बीते दिनों होटल प्रबंधन संस्थान गढ़ी कैंट के सभागार में हुई बोर्ड बैठक में एकीकरण के प्रस्ताव पर मुहर लगायी गई। बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य के बाहर उत्तराखंड के पर्यटन की एक तस्वीर सामने आए, इसके लिए दोनों निगमों का एकीकरण बहुत जरूरी हो गया है। इससे मैन पावर का बेहतर इस्तेमाल होने के साथ ही खर्च भी कम होगा। बैठक में तय हुआ कि जल्द एकीकरण का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार दोनों निगमों के एकीकरण से राज्य के बाहर उत्तराखंड के पर्यटन की एक ही तस्वीर पेश होगी। इसके बाद पर्यटकों में जीएमवीएन, केएमीवएन व उत्तराखंड पर्यटन को लेकर भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी। उनके अनुसार राज्य से बाहर दोनों निगमों के अलग अलग पीआरओ ऑफिस बंद होंगे। इससे ऑफिस व कर्मचारियों का खर्च कम होगा।
वहीँ उन्होंने बताया कि सातवें वेतनमान के बाद जीएमवीएन के नियमित कर्मियों के वेतन पर हर माह खर्च 3.75 करोड़ से बढ़कर 4.25 करोड़ हो गया है। जबकि केएमवीएन पर हर महीने 2.75 करोड़ का खर्च बढ़कर तीन करोड़ तक पहुंच गया है। एकीकरण के बाद राज्य से बाहर दोनों निगमों के एक ही दफ्तर होंगे। इससे कार्यालय खर्च में भी कमी आएगी और जिसके बेहतर परिणाम भी मिलेंगे।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार एकीकरण का असर दोनों निगमों के 2316 कर्मचारियों पर पड़ेगा। उनके अनुसार जीएमवीएन में 1046 और और केएमवीएन में 360 स्थायी कर्मचारी हैं। जबकि जीएमवीएन में 550 और केएमवीएन में 360 अस्थायी, दैनिक, संविदा कर्मचारी वर्तमान में कार्यरत हैं।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया दोनों निगमों के एकीकरण के मामले को पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर दोनों निगमों के कर्मचारी संगठनों से जुड़े मामलों का निस्तारण करके प्रस्ताव तैयार करेंगे। इसके लिए जल्द कर्मचारी संगठनों और प्रबंधन के साथ वे बैठक भी करेंगे। बैठक में अपर सचिव ज्योति नीरज खैरवाल, एमडी केएमवीएन, धीराज गब्र्याल, जीएम बीएल राणा, मुकुंद प्रसाद, अवधेश भट्ट आदि मौजूद रहे।
वहीँ दूसरी तरफ कर्मचारी संगठनों ने कहा की उनको पर्यटन मंत्रालय का यह एकीकरण का प्रस्ताव मंजूर नहीं है। जीएमवीएन केएमवीएन के कर्मचारी संगठनों ने कहा वे एकीकरण को तो तैयार हैं, लेकिन वे खुद को पर्यटन विकास परिषद में मर्ज करना चाहते हैं। दोनों निगमों के कर्मचारियों का कहना है कि यदि दोनों निगमों का एकीकरण होता है, तो इसे राजकीय विभाग बनाया जाए। गढ़वाल कुमाऊं मंडल विकास निगम कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी, एसपी पंत, आशीष उनियाल ने कहा कि सरकार को अपने एकीकरण के अपने पुराने फार्मूले से पीछे नहीं हटना चाहिये उनकी मांग है कि राजकीय विभाग बनाते हुए ही दोनों निगमों का एकीकरण किया जाए।