हल्द्वानी प्रकरण में 48 घंटे में स्कूल प्रबंधक पर मुकदमा दर्ज कराने के आदेश
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नैनीताल : स्कूली वाहनों में बच्चियों से दरिंदगी मामले को गंभीर बताते हुए हाई कोर्ट ने प्रदेश के सभी स्कूली बसों में सीसीटीवी व जीपीएस लगाने के निर्देश दिए हैं ।साथ ही सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो बच्चियों के स्कूली वाहन में महिला कर्मचारी की नियुक्ति करें, जो बच्चों को वाहन में बैठाने और उतारने में मदद करेंगे। इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि स्कूली वाहनों में सीसीटीवी लगाये जांय जो सीधे प्रिंसिपल ऑफिस से कनेक्टेड हों वहीं कोर्ट ने स्कूली बच्चों को ले जाने वाले प्रत्येक वाहन में जीपीएस लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि स्कूल प्रबंधन को बस की लोकेशन मिलती रहे। हाई कोर्ट ने आदेश में कहा है कि बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक चिपयुक्त आइ कार्ड दिया जाय जिससे की बच्चों की लोकेशन उनके अभिभावकों को मिलती रहे और सभी जिलाधिकारी स्कूल के कमरों व परिसरों में सीसीटीवी लगवाएं जायं।
स्कूली वाहनों में छेड़छाड़ की घटनाओं को नैनीताल हाईकोर्ट ने बेहद गंभीरता से लिया है। अदालत ने ऐसे सभी वाहनों में सीसीटीवी व जीपीएस सिस्टम लगाने के आदेश दिए हैं। साथ ही अधिकारियों को इसकी मॉनीटरिंग करने को कहा है। रोजाना चेकिंग की जिम्मेदारी एसडीएम को दी गई हैं। अदालत ने स्कूल के कर्मचारियों के सत्यापन के आदेश भी दिए हैं। हल्द्वानी प्रकरण में कोर्ट ने नैनीताल के एसएसपी को 48 घंटे के भीतर संबंधित स्कूल के प्रबंधक पर मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए हैं।
हल्द्वानी निवासी ए परवीन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पिछले सप्ताह हल्द्वानी में स्कूल वैन में अबोध बच्ची के साथ छेड़खानी की शर्मनाक घटना हुई। नैनीताल जिले में नाबालिग बच्चियों के साथ अपराध बढ़े हैं, लिहाजा अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने इस पर सुनवाई करते हुए बच्चों की सुरक्षा के संबंध में व्यवस्था दी। सभी निजी स्कूल प्रबंधकों को आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। हाईकोर्ट ने जिलाधिकारियों की जिम्मेदारियां भी तय की है। उन्हें हर पंद्रह दिन में स्कूलों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने के आदेश दिए गए हैं।