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भारत के पहले कोविड-19 टीके को मिली क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी

जुलाई से इसका इंसानों पर ट्रायल शुरू होने की उम्मीद

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक द्वारा तैयार की जा रही भारत की पहली COVID-19 वैक्सीन COVAXIN को क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है। जुलाई से इसका इंसानों पर ट्रायल शुरू होने की उम्मीद की जा रही है। उल्लेखनीय है कि देश में तैयार की जा रही कोविड-19 की पहली वैक्सीन है जिसे क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी दे दी गई है। 
भारत बायोटेक भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी सहित विस्कोंसिन विश्वविद्यालय व थॉमस जेफरसन विश्व विद्यालय के सहयोग से वैक्सीन बनाने में जुटा हुआ है। अब देखना है कि यह वैक्सी क्लीनिकल ट्रायल में असरदायक होती है या नहीं। 
वर्तमान में दुनिया भार में 100 से अधिक कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट डेवलपमेंट के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा, महामारी ने वैश्विक एकजुटता के महत्व पर प्रकाश डाला है। साथ ही स्वास्थ्य को एक लागत के रूप में नहीं, बल्कि निवेश के रूप में देखा जाना चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा है कि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि दुनिया को एक साल या उससे भी पहले भी कोविड-19 की वैक्सीन मिल सकती है। वैक्सीन को विकसित करने, उसका निमार्ण करने और वितरण करने में उन्होंने वैश्विक सहयोग के महत्व की बात भी कही है। 
लंदन में नए वैक्सीन का मानवीय परीक्षण शुरू हो गया है। इंपीरियल कॉलेज लंदन की ओर से विकसित किए गए वैक्सीन का टीका आने वाले सप्ताहों में करीब 300 लोगों को लगाया जाएगा। 
जानवरों पर हुए परीक्षण में वैक्सीन सुरक्षित पाया गया है और प्रभावी इम्यून विकसित करने में सफल रहा है। इसके अलावा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी भी ह्यूमन ट्रायल शुरू कर चुका है। दुनिया में करीब 120 वैक्सीन प्रोग्राम पर काम चल रहा है। 

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