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ऑस्ट्रेलिया में लहराया भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों का परचम

सिडनी : भारतीय टीम ने 71 साल के दौरान करीब 13 कप्तानों के नेतृत्व में आस्ट्रेलिया का दौरा किया लेकिन उसे जीत के पोडियम तक कोहली ने पहुंचाया है। ऐसे में आस्ट्रेलिया को उसी के घर में हराने वाले कोहली पहले भारतीय कप्तान बन गए हैं। वह ऐसा करने वाले पहले एशियाई कप्तान भी बन गए हैं। 

एक अरब 25 करोड़ से ज्यादा देशवासियों की उम्मीदों के भार को अपने कांधे पर लादने वाली टीम इंडिया ने 71 साल, 12 टेस्ट सीरीज और 48 टेस्ट मैचों के बाद लगभग 2.5 करोड़ जनसंख्या वाले देश ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट टीम को ऐतिहासिक हार का स्वाद चखाकर हम किसी से कम नहीं होने का अहसास कराया है।

इस सीरीज में भारतीय टीम के लिए सबसे अधिक 521 रन बनाने वाले चेतेश्वर पुजारा को मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार मिला। इसमें पुजारा के तीन शतक और एक अर्धशतक भी शामिल है। इसके अलावा, कोहली ने 282 रनों का योगदान दिया। 

भारत के लिए इस सीरीज में जसप्रीत बुमराह ने सबसे अधिक 21 विकेट लिए। इसके अलावा इंशांत शर्मा ने 10, मोहम्मद शमी ने 16 और रविचंद्रन अश्विन ने छह विकेट लिए। कुलदीप यादव ने चौथे टेस्ट मैच में भारत के लिए एक पारी में पांच विकेट हासिल कर अहम भूमिका निभाई।

इसके अलावा, एक विकेटकीपर के तौर पर भारत के युवा खिलाड़ी ऋषभ पंत ने भी इस सीरीज के जरिए अपने लिए नई इबारत लिखी है। उन्होंने इस सीरीज में विकेटकीपिंग के दौरान सबसे अधिक कैच पकड़ने और आस्ट्रेलिया में शतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर की उपलब्धियां अपने नाम की है। 

आस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में चेतेश्वर पुजारा (193) और ऋषभ पंत (159) की शतकीय पारियों के दम पर भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी सात विकेट के नुकसान पर 622 रनों के विशाल स्कोर पर घोषित कर दी थी। 

इसके बाद भारत ने कुलदीप यादव (5/99) की शानदार गेंदबाजी के दम पर आस्ट्रेलिया की पहली पारी 300 रनों पर समाप्त कर दी। इस पारी में मोहम्मद शमी और रवींद्र जडेजा ने दो-दो विकेट लिए, वहीं जसप्रीत बुमराह को एक सफलता हाथ लगी। आस्ट्रेलिया के लिए पहली पारी में मार्कस हैरिस (79) ने सबसे अधिक रन बनाए। इसके अलावा, मार्नस लाबुसचाग्ने 38 और पीटर हैंड्सकॉम्ब ने 37 रनों का योगदान दिया। इस पारी में भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 322 रनों की बढ़त हासिल की थी।

बारिश के कारण सोमवार को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में चौथे और अंतिम टेस्ट मैच के ड्रॉ होने के बावजूद विराट कोहली की टीम ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम की। इसके साथ ही भारतीय टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी अपने पास बरकरार रखी। भारत ने 2017 में अपने घरेलू मैदानों पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2-1 से सीरीज जीतकर यह ट्रॉफी विपक्षी टीम से छीनी थी।

भारत ने स्वतंत्रता मिलने के कुछ दिन बाद ही पहली बार 1947-48 में लाला अमरनाथ की अगुआई में ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था। तब उसका सामना सर डॉन ब्रैडमैन की अजेय ऑस्ट्रेलियाई टीम से था। तब से लेकर अब तक भारत ने 12 बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज खेली। इस दौरान बिशन सिंह बेदी, सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धौनी जैसे दिग्गजों ने टीम की कमान संभाली, लेकिन टीम इंडिया को यहां सीरीज में पहली विजय विराट कोहली की कप्तानी में मिली।

भारत के पास 3-1 से सीरीज जीतने का मौका था, लेकिन बारिश ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। भारत ने एससीजी में अपनी पहली पारी सात विकेट पर 622 रन बनाकर घोषित की थी, जिसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 300 पर ऑलआउट हो गई। उसे अपनी धरती पर पिछले 30 साल में पहली बार फॉलोआन के लिए उतरना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के छह रन बना लिए थे, लेकिन सोमवार को एक भी गेंद का मुकाबला नहीं हो सका।

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