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कॉर्बेट पार्क क्षेत्र के 28 रिसोर्ट और होटलों को 24 घंटे में अतिक्रमण हटाने के हाई कोर्ट के निर्देश

नैनीताल : उत्तराखंड हाई कोर्ट ने कार्बेट नेशनल पार्क में बने होटलों व रिसॉर्टों के 28 मामलों की सुनवाई की जिन्हें अदालत ने 24 घंटे में अतिक्रमण स्वतः हटाने को कहा है। इससे पहले नापजोख के लिए गठित हाई पावर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपी। कमेटी ने कॉर्बेट पार्क क्षेत्र में बने 33 होटल व रिसोर्ट का एक जनहित याचिका के बाद सर्वे करवाया।

नैनीताल हाई कोर्ट ने चार अधिवक्ताओं की एक हाई पावर कमेटी गठित की थी। इस कमेटी के अध्यक्ष वरिष्‍ठ अधिवक्ता बीसी पाण्डेय हैं, जबकि अन्य सदस्यों में एमएस त्यागी, अंजली भार्गव व सोभित सहारिया शामिल हैं। इस कमेटी ने कार्बेट नेशनल पार्क के अंदर बने 44 होटल रिसॉर्टों में से 33 का सर्वे कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि याचिकर्ता ने 11 होटल व रिसॉर्टों को पक्षकार नहीं बनाया है। इसके अलावा ढिकुली में एक रिसोर्ट पूर्ण तह सरकारी भूमि में बने होने व अन्य रिसोर्टसो द्वारा भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ पाया गया है।

गौरतलब हो कि रामनगर के कार्बेट नेशनल पार्क के आस पास करीब 44 होटल और रिजार्ट ने सरकारी व वन भूमि पर कब्जा कर अपना अतिक्रमण किया हुआ है। राज्य के मुख्य सचिव ने पूर्व में शपथ पत्र में ये साफ किया है। नैनीताल हाई कोर्ट द्वारा मांगे गए जवाब में राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने अपने जवाब में कहा था कि 7 अप्रैल को डीएम नैनीताल ने रामनगर के आस पास रिजार्टों का भौतिक निरीक्षण किया है, जिसमें 44 होटलों मालिकों द्वारा सरकारी जमीन, वन भूमि की जमीन, सरकारी बंजर जमीन, वर्ग तीन की भूमि पर कब्जा, वर्ग चार की जमीन पर कब्जा किया गया है। अपने शपथ पत्र में मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि कई रिजार्ट मालिकों द्वारा वन क्षेत्र पर भी कब्जा किया गया है, जिन पर वन अपराध 2010 से डीएफओ कार्यालय में दर्ज है, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 रिजार्टों ने तो सार्वजनिक सम्मत्ति पर भी कब्जा कर व्यवसायिक हित कमा रहे है, जिन पर वाद एसडीएम कार्यालय में 2012 से लंबित हैं। हिमालयन युवा ग्रामीण विकास समिति ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसके अध्यक्ष मयंक मैनाली ने कहा है कि रामनगर क्षेत्र में रिजार्ट मालिकों ने कानून को ताक पर रखकर कोसी नदी में अवैध कब्जा कर रिजार्ट का निर्माण किया गया है, उनके द्वारा वन्यजीवों को हानि पहुंचाई जा रही है। रिजार्ट के शिविर को कोसी नदी में बिना किसी ट्रीटमेंट के बहाया जा रहा है। याचिका कर्ता ने कोर्ट से ऐसे रिजार्ट मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। जिसके बाद कोर्ट ने पूर्व में रामनगर के एसडीएम के शपथ पत्र पर संतुष्ट ना होने के बाद मुख्य सचिव से शपथ पत्र पेश करने को कहा था।

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