नैनीताल। आईपीसी की धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न निषेध कानून) के दुरुपयोग को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को पुलिस और न्यायाधीशों के लिए विस्तृत आदेश जारी किए हैं। इस आदेश में कहा गया है कि दहेज उत्पीड़न के आरोपी को बिना पर्याप्त साक्ष्य और जांच के गिरफ्तार न किया जाए।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल अनुज संगल की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि धारा 498ए का केस दर्ज होने के बाद पुलिस तब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं करेगी जब तक वह आवश्यक जांच कर गिरफ्तारी के लिए स्वयं संतुष्ट नहीं हो जाता।
इस मामले में हाईकोर्ट ने न्यायालयों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सुप्रीम कोर्ट की ओर से अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य वर्ष 2014 में दिए निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है।