गढ़वाल से लेकर कुमाऊं के सीमांत जिलों तक जंगलों में आग लगी हुई है जिससे वन संपदा को भारी नुकसान हुआ है इसका बड़ा असर आम जनता पर भी पड़ रहा है ।
वनाग्नि की घटनाओं की वजह से यातायात में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि आग से उठे धुएं की वजह से विजिबिलिटी काफी कम हो गई है ,जमीन से लेकर आकाश तक की सेवाओं पर भी इसका असर पड़ रहा है ।
देहरादून से पंतनगर होते हुए पिथौरागढ़ के लिए चलने वाली हेलीकॉप्टर सेवा भी पिछले 3 दिनों से धुंध और धुएं की वजह से विजिबिलिटी ना होने के कारण उड़ान नहीं भर पा रही है जिस कारण पिछले 3 दिनों में 25 से 30 बुकिंग रद्द करनी पड़ी है ।
हेलीकॉप्टर की उड़ान के लिए 5 किलोमीटर तक विजिबिलिटी होना जरूरी है जबकि इस समय पहाड़ों में विजिबिलिटी दर 3 किलोमीटर तक भी नही है , जिसमें हेलीकॉप्टर उड़ान संभव नहीं है । आग की घटनाओं से वन्यजीवों के साथ साथ इंसान भी इसकी मार झेलने को मजबूर हैं ।