केदारनाथ में बर्फबारी के बाद बढ़ी ठंड, पुनर्निर्माण कार्य हुये प्रभावित
अचानक हुई बर्फबारी और बारिश से बेमौसम गर्मी से मिली निजात
रुद्रप्रयाग । बसंत ऋतु की पहली बर्फबारी और बारिश खुशियां लेकर आई हैं। पिछले वर्षों की तुलना इस वर्ष बारिश सही समय पर न होने से पहाड़ों में फरवरी माह में ही गर्मी पड़नी शुरू हो गई थी। जबकि काश्तकारों की गेहूं की खेती सूखने के कगार पर थी, लेकिन अचानक मौसम में हुये बदलाव के बर्फबारी और बारिश होने से लोगों में खुशी है। बसंत ऋतु की पहली बारिश को हरेक व्यक्ति खेती के साथ ही स्वाथ्य के लिये शुभ मान रहे हैं।
पहाड़ों में बर्फबारी और बारिश ने दोबारा दस्तक दे दी है। कुछ दिनों पूर्व पहाड़ों में गर्मी पड़नी शुरू हो गई थी। बारिश न होने के कारण काश्तकारों की गेहूं की खेती सूखने के कगार पर थी, लेकिन अचानक मौसम में आये बदलाव के बाद बारिश होने से मुरझाये काश्तकारों के चेहरे खिल उठे हैं। क्योंकि गेहूं की खेती के लिये बारिश सही समय पर हुई है। रुद्रप्रयाग जिले में सोमवार देर रात्रि से रूक-रूक कर लगातार बारिश जारी है।
बारिश के कारण ठिठुरन भी बढ़ गई है और लोगों को गर्मी से कुछ हद तक निजात मिल गई है। अचानक बढ़ी गर्मी से जंगल भी जलने लगे थे और चारों ओर धुंध फैल रही थी, जिससे लोगों की तबियत भी खराब हो रही थी, लेकिन बारिश होने से दूरस्थ क्षेत्रों में जंगलों में अगी आग भी बुझ गई है। बसंत ऋतु की पहली बारिश का मजा लोग पहाड़ों में भी भीगकर ले रहे हैं। सही समय पर हुई इस बारिश से प्राकृतिक जल स्त्रोत भी चार्ज हो गये हैं। यदि इसी प्रकार बारिश होती रही तो आगामी गर्मियों के दौरान जिले में पेयजल की किल्लत भी नहीं होगी। इसके साथ ही गेहूं एवं सरसों की खेती अच्छी होगी।
वहीं केदारनाथ धाम की बात करें तो केदारनाथ धाम में साल की यह दूसरी बर्फवारी है। केदारनाथ में भी सोमवार देर रात से रूक-रूक कर बर्फबारी हो रही है। केदारनाथ में भी लगभग एक फीट तक बर्फ पड़ चुकी है। हालांकि फरवरी माह में पड़ रही बर्फ जम नहीं रही है। आगामी यात्राकाल को देखते हुये केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहे हैं, लेकिन बर्फबारी होने के कारण पुनर्निर्माण कार्य भी प्रभावित हुये हैं।